जमशेदपुर (Charanjeet Singh)
टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग में बुधवार की रात मारपीट के बाद बारीडीह के युवक विकास दुबे की हत्या के बाद रेलवे पार्किंग एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. घटना से यह भी साफ हो गया है कि पार्किंग में गुंडागर्दी हावी है.
इस मामले में भले ही शराब के नशे में युवक द्वारा शीशा फोड़ने के कारण हत्या की बात सामने आ रही है, या कहानी रची जा रही है, लेकिन यह तो हकीकत है कि कर्मचारियों से युवकों की मारपीट हुई थी. सीसीटीवी फुटेज में युवक के आने पर पार्किंग कर्मचारी भागते हुए देखे जा सकते हैं.
आखिर ऐसा क्या हुआ था कि कर्मियों को भागना पड़ा ! वैसे यह तो जांच का विषय है. बहरहाल, इस मामले में रेल थाने के दारोगा बीरेंद्र दुबे के बयान पर हत्या का केस दर्ज किया गया है. रेल डीएसपी हिमांशु कुमार मांझी ने देर रात तक मामले की जांच की. कुछ कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया था. अब जाहिर है पार्किंग प्रबंधक भी मामले से खुद को बचाने की जुगत में लग गया है. जैसा कि पिछले दिनों मारपीट की कुछ घटनाओं में देखा गया है.
मारपीट के जितने भी मामले हुए हैं उन सब में लीपापोती करते हुए कार्रवाई को बाधित किया गया, जिसका नतीजा रहा कि कर्मियों पर रेल पुलिस ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है. सूत्र बताते हैं कि जीआरपी, आरपीएफ, स्थानीय थाना से लेकर ट्रैफिक थाना तक पार्किंग की ओर से चढ़ावा चढ़ाया जाता है. इसी सेटिंग- गेटिंग का लाभ पार्किंग में हुई घटनाओं में कर्मियों को मिलता है. जिस कारण कर्मचारियों के हौंसले दिन- प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं. पुलिस की मिलीभगत के कारण पार्किंग फिर कोई बड़ी घटना का गवाह होगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता. घटना को लेकर बताया जाता है कि विकास अहमदाबाद में काम करता था. बुधवार की रात वह ट्रेन पकड़ने के लिए ही स्टेशन आया था. पार्किंग में दोस्तों के साथ पीने के दौरान पार्किंग कर्मियों से मारपीट हुई, जिसके बाद उसकी हत्या हो गई. छह माह पहले विकास की शादी अमीषा सामद से हुई थी और वह मूलत: सिवान जिला का रहने वाला था. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. अब इस मामले में रेल पुलिस की कार्रवाई पर परिजनों की नजरें बनी हुई हैं.
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