पिछले दिनों भीमा कोरेगांव विस्फोट मामले में एनआइए के संदिग्ध आरोपी फादर स्टेन स्वामी की मौत को लेकर वामपंथियों ने गुरुवार को प्रतिवाद दिवस मनाते हुए उन्हें शहीद करार दिया है. जमशेदपुर में मिशनरियों एवं वामपंथियों के द्वारा मौन जुलूस निकालते हुए फादर स्टेन स्वामी की मौत को साजिश बताते हुए देश के सभी जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के मामले में सुनवाई करने और उनके मामले में जल्द निर्णय सुनाने की मांग की गई. गौरतलब है कि फादर स्टेन स्वामी पिछले साल कोरोना से संक्रमित हो गए थे, हालांकि कोरोना को उन्होंने हरा दिया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा था. पिछले दिनों उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद मुंबई स्थित होली फैमिली अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था. जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वे 84 वर्ष के थे. उधर फादर स्टेन स्वामी की मौत के बाद देशभर भर के वामपंथी विचारधारा के लोगों एवं मिशनरियों में आक्रोश देखा जा रहा है. इसके अलावा झारखंड सरकार ने भी फादर स्टेन स्वामी की मौत पर कड़ी आपत्ति जताई है.
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