सोनुआ/ Jayant Pramanik : चक्रधरपुर प्रखंड के बांझी कुसुम गांव के सभी जीव किसान के साथ आंध्र प्रदेश से आए आरयएसएस-
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एपीसीएनएफ रिसोर्स पर्सन मोहम्मद भाषा एक बैठक की. बैठक में उन्होंने किसानों को बताया कि धान काटने के बाद हम किसान उस खेती में एक या दो बीज को छिड़क देते हैं. इससे फसल होगा तो होगा नहीं तो नहीं ऐसे ही हम रहा जाते हैं.लेकिन अब जितना हमारे गांव के किसानों उस तरह खेती नहीं करेंगे अभी उसी खेत में कम से कम 8 तरह के बीज को लाइन लाइन में बूकर और उसमे प्राकृतिक रूप से बनाए गए घन जीवामृत को ओर खाद देकर अच्छा से खेती करना है.
उन्होंने बताया कि अगर किसान खेती करेंगे तो बाड़ियां फसल होगा साथ ही जमीन में जीवाणु उत्पत्ति होंगे और बायो डाइवर्सिटी भी बढ़ेगी. बाहर खरीद कर रासायनिक खाद देने की जरूरत नहीं है.इस बैठक में प्रदान संस्था से द्वारा सभी किसान ओंको मूंग, चना, तिसी, कंसारी, सरसो, और साग सब्जियां बिज को वितरण किए. इस कार्यक्रम में प्रदान संस्था एफपीओ मेनेजर त्रिति दास और सरंगो प्रदान गांव की कार्यकर्ता दीदी भी उपस्थित थे.
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