जमशेदपुर (Charanjeet Singh) शुक्रवार सुबह लगभग 7:15 बजे जमशेदपुर के सोनारी थाना अंतर्गत डी रोड में हुए अजय साव हत्याकांड मामले में पुलिस ने अजय की पत्नी लक्ष्मी साव के लिखित आवेदन के आधार पर जग्सलाई थाना क्षेत्र निवासी मटका किंग रंजीत झा, अपराध कर्मी मनीष सिंह, दीपक सिंह, गोलमुरी थाना क्षेत्र निवासी राहुल, नदीम मानगो क्षेत्र निवासी फरहज खान, सीतारामडेरा थाना अंतर्गत देव नगर निवासी अमरजीत पाल के किराएदार सैंकी गोयल, सोनारी दोमुहानी निवासी गुड्डू गोस्वामी, सोनारी जाहेरा बस्ती निवासी राजा सिंह व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है. वैसे अज्ञात एक अन्य कौन है, इसे हम बाद में बताएंगे. पहले यह जानना जरूरी है, कि आखिर अजय साव की हत्या क्यों हुई ?

कौन था अजय कैसे बना अकूत संपत्ति का मालिक
अजय साव पूर्व में रंजीत झा का सहयोगी था. रंजीत के जेल जाने के बाद अजय ने मटका के धंधे को टेकओवर कर लिया, हालांकि अजय ने धीरे- धीरे मटका के धंधे को छोड़ सट्टेबाजी की दुनिया में कदम रख दिया. जिसमें अजय ने अकूत दौलत कमाई. रंजीत को यह नागवार गुजरा. जेल से छूटने के बाद रंजीत को बागबेड़ा के एक सफेदपोश ने अजय के कारोबार से अवगत कराया. सट्टा का लाइसेंस मुंबई से मिलता है. जिसमें 40 लाख रुपए लगते हैं. रंजीत अजय से धंधा ट्रांसफर करने या उसे पार्टनर बनाने का दबाव बना रहा था, मगर अजय यह नहीं चाहता था. रंजीत को यह नागवार गुजरा और उसने मनीष से हाथ मिला लिया. मनीष का अजय के पार्टनर राजू के साथ विवाद भी हुआ था. जिसमें उसे जेल हुई थी. जेल से निकलने के बाद रंजीत ने मनीष से संपर्क किया और अजय को रास्ते से हटाने का प्लान किया. जिसके बाद शुक्रवार को अजय की हत्या कर दी गई. सूत्र बताते हैं कि अजय पर चार- पांच युवकों ने एक साथ गोली चलाई थी. सबसे पहली गोली मनीष ने ही चलाई थी. हालांकि पुलिस ने अजय की गाड़ी से दो पिस्टल जिंदा कारतूस और एक नकली पिस्तौल भी बरामद किया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अजय ने आत्म रक्षार्थ गोली क्यों नहीं चलाई. अजय की पत्नी ने जिस अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है वह अज्ञात कोई और नहीं वही सफेदपोश है जिसने रंजीत को अजय के खिलाफ उकसाया और सट्टा की दुनिया में पैसा लगाने की बात कही. सूत्र बताते हैं, कि सफेदपोश छात्र राजनीति से जुड़ा है. ऐसे में पुलिस उसे क्यों बचाना चाह रही है, यह जांच का विषय है. फिलहाल सभी को पुलिस के अनुसंधान और खुलासे का इंतजार है.
