चाईबासा: सिंहभूम से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने केंद्र सरकार से देश में खाद्य तेलों के अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि को लेकर प्रश्न किया है. सांसद गीता कोड़ा ने लोकसभा में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से जानना चाहा है, कि देश में खाद्य तेलों की मूल्य वृद्धि का मुख्य कारण क्या है. क्या सरकार देश में खाद्य तेलों की कमी के कारण अनैतिक मुनाफा वसूली को रोकने और जनता को महंगाई से निजात दिलाने के लिए देश में खाद्य तेलों के आयात के बारे में सोच रही है. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि खाद्य तेलों का आयात ओपन जेनरल लाइसेंस ( ओजीएल ) के अधीन है और प्रक्रिया का पालन करने के बाद कोई भी इनका आयात कर सकता है, हालांकि सरकार के पास खाद्य तेलों के आयात का कोई प्रस्ताव नहीं है.
लोकसभा में सांसद गीता कोड़ा के सवाल का जवाब देते हुए खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि देश में खाद्य तेलों की घरेलू खाद्य तेलों के उत्पादन और मांग में लगभग 50 प्रतिशत का अंतर है. खाद्य तेलों की घरेलू मांग लगभग 250 लाख टन है, जबकि उत्पादन केवल 111.5 लाख टन होता है. मंत्री ने कहा कि इस कमी को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है. खाद्य तेलों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि से देश में खाद्य तेलों के घरेलू मूल्यों पर प्रभाव पड़ता है. जनसंख्या में वृद्धि और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के कारण खाद्य तेलों की घरेलू मांग में उत्पादन की तुलना में अधिक तेजी से वृद्धि हो रही है, अतः घरेलू उत्पादन मांग को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020- 21 के दौरान खाद्य तेलों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि के परिणामस्वरूप खाद्य तेलों के आयात में वृद्धि हुई है, जिसके कारण उनके मूल्य में भी वृद्धि हुई है. सरकार ने कहा है कि खाद्य तेलों का आयात ओपन जेनरल लाइसेंस ( ओजीएल ) के अधीन है और प्रक्रिया का पालन करने के बाद कोई भी इनका आयात कर सकता है, हालांकि सरकार के पास खाद्य तेलों के आयात का कोई प्रस्ताव नहीं है.