सरायकेला/ Pramod Singh
सिंहभूम बंगीय एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल सेंट्रल कमेटी सेक्रेटरी विश्वनाथ घोष के नेतृत्व में सीएम के नाम जिले के डीसी को ज्ञापन सौंपा. इसमें राज्य में बांग्ला भाषा को उचित स्थान प्रदान करने, राज्य के सभी जिलों के विद्यालयों में बंगला शिक्षकों की नियुक्ति करने, वर्ग 1 से लेकर 10 तक बांग्ला भाषा की पुस्तकों की आपूर्ति करने, रेलवे स्टेशनों में पुनः बांग्ला में लिखे गए नाम पट्ट लगाने समेत कई मांगें रखी.
बताया गया कि राज्य के पांच प्रमंडलों के अधिकांश जिलों में बांग्ला भाषा, बांग्ला लोकाचार, बांग्ला रीति रिवाज, बांग्ला लोक उत्सव, बांग्ला लोक कला आज भी जीवन्त है.
राज्य के 42% से भी अधिक की आबादी बांग्ला भाषा बोलती और समझती है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बांग्ला ही प्रमुख बोल- चाल की भाषा है. 23 वर्षों में सत्ता एवं शासन द्वारा राज्य में बांग्ला भाषा एवं बांग्लाभाषियों की घोर उपेक्षा की गई है. इससे संपूर्ण राज्य में बांग्लाभाषियों में रोष है.
इसमें शांति मुखर्जी, जयंतो बोस, चिन्मय पात्रो, भास्कर दासगुप्ता, सुब्रतो राय, तपन दास, जय चक्रवर्ती, पल्लव चौधरी, प्रेम महतो, सागर मोदक, गौतम आदि शामिल हुए.