सरायकेला: सरायकेला जिले में बालू के खेल के बीच जो भी आएगा उसका यही हश्र होगा, चाहे वह कोई हो. जी हां शुक्रवार देर रात तिरुलडीह में यही हुआ. अवेध रूप से रात के अंधेरे में बालू लेकर जा रहे ट्रैक्टर को रोकना और इसकी सूचना पुलिस को देना स्थानीय पत्रकार को महंगा पड़ गया है.
पत्रकार विद्युत महतो जो आज अखबार से ईचागढ़ देखता है उसे सूचना मिली कि तिरुलडीह थाना क्षेत्र से अवैध रूप से बालू खनन कर माफिया बंगाल की ओर ले जा रहे हैं, इसकी सूचना पर विद्युत ट्रैक्टर का पीछा करते हुए तिरुलडीह थाने के पास ट्रैक्टर रुकवा कर थाना प्रभारी और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी दी, मगर विद्युत को यह उल्टा पड़ गया, ऑन ड्यूटी जवान उसे गोली मारने की धमकी देने लगा. जब विद्युत अड़ गया तो तिरुलडीह पुलिस ने इसे अपनी शान में गुस्ताखी मानते हुए आधी रात में उसकी बेरहमी से पिटाई कर डाली. उसके पैर बुरी तरह जख्मी हुए हैं. पिटाई के बाद पुलिसकर्मियों ने विद्युत के मोबाइल भी तोड़ डाले.
विद्युत चीखता रहा, चिल्लाता रहा, वर्दी और माफियाओं के सह पर तिरुलडीह थाना के पुलिसकर्मियों ने उसकी एक न सुनी और अधमरा कर आधी रात को थाने के बाहर ही छोड़ दिया. डंडे की मार से बिद्युत बुरी तरह चोटिल हो गया. काफी देर बाद जब लोगो को इसकी सूचना मिली तो स्थानीय साथी पत्रकार व अन्य लोगों के सहयोग से उसे तिरुलडीह उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रातो रात ईचागढ़ स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया गया. मगर वहां भी स्थिति बिगड़ने पर शनिवार तड़के विद्युत को बेहतर ईलाज के लिए एमजीएम अस्पाल भेज दिया गया.
प्रेस क्लब ने लिया संज्ञान
वहीं इस घटना के बाद जिले के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है. रात से ही पत्रकार दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि द प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां के जिलाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने तत्काल थाना प्रभारी से मामले की जानकारी लेते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है. साथ ही घायल पत्रकार के समुचित ईलाज का प्रबंध कराने की मांग थाना प्रभारी से की है. उधर पत्रकार संगठन एआईएसएम ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए तत्काल घायल पत्रकार को उचित ईलाज और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की चेतावनी दी है. जिले के पत्रकार तिरुलडीह पुलिस के इस नीच हरकत से आक्रोशित हैं.
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पुलिस और बालू माफियाओं से सांठगांठ का हुआ खुलासा
दरअसल सरायकेला- खरसावां जिला में बालू माफिया इस कदर हावी है, कि उन्हें न तो पुलिस का भय है ना ही पत्रकारों का. सब मैनेज है, खासकर ईचागढ़ और तिरूलडीह थाना क्षेत्र बालू माफियाओं का चारागाह माना जाता है. ऐसे में पुलिस और माफियाओं के बीच अगर कोई पत्रकार आ गया तो उसका यही हश्र होना है.