आदित्यपुर: सरायकेला पुलिस के लिए एक और शर्मनाक प्रकरण सामने आया है. आपको याद दिला दें कि मंगलवार को जमीन को लेकर हुए दो पक्षों के बीच विवाद की सूचना पर राम मड़ैया बस्ती पहुंची आदित्यपुर पुलिस को उस वक्त जलील होना पड़ा जब भाजपा नेता सुपाल झा ने तमाम मर्यादाओं को ताक पर रखकर सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार के साथ न केवल बदसलूकी की, बल्कि भद्दी- भद्दी और अश्लील गलियों की बौछार करने लगे.
इतना कुछ सुनाने के बाद भी किसी तरह सब इंस्पेक्टर ने अन्य पुलिस कर्मियों के सहयोग से आक्रोशित भाजपा नेता को काबू में किया और उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ थाने लेकर पहुंचे. हालांकि इस दौरान भी भाजपा नेता की हेकड़ी कम नहीं हुई. उन्होंने थाने में भी खूब हाई वोल्टेज ड्रामा किया. देर शाम होते- होते भाजपाइयों का हुजूम आदित्यपुर थाने में उमड़ पड़ा और फिर अंत में वही हुआ जो आज से लगभग 6 साल पूर्व हुआ था. भाजपाइ विजेता की तरह सुपाल झा को बाइज्जत थाने से बरी कराकर ले गए, जबकि सुपाल झा के खिलाफ पड़ोसी युवती जूली गुप्ता ने कई संगीन आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. युवती की शिकायत पर आईपीसी की धारा 342/ 354/ 323/ 341/ 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बाईट
जूली गुप्ता
इतना ही नहीं सब इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार ने भी अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना को लेकर शिकायत दर्ज कराया है, हालांकि उनकी शिकायत अभी रजिस्टर्ड नहीं हुई है. सवाल यह उठता है कि कैसे भाजपा नेता सुपाल झा को थाने से ही बाइज्जत जाने दे दिया गया ? क्या आम नागरिक के साथ पुलिस ऐसी नरमी दिखाती है ? ऐसे में 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात पुलिस पदाधिकारी का मनोबल गिरेगा या ऊंचा होगा इसकी चर्चा जिले में जोरों पर है. वही इस मामले को लेकर जिले के आलाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. बात- बात पर आदित्यपुर में अवैध करोबार की सूचना पर संज्ञान लेने वाले पदाधिकारी जब अपने विभाग के अधिकारियों और वर्दी की रक्षा को लेकर गंभीर नहीं है तो उनसे किसी से ज्यादा और अपेक्षा करना कितना तार्किक होगा.
बहरहाल मंगलवार की घटना ने 6 साल पूर्व भाजपाइयों द्वारा थाने में किए गए प्रकरण की याद ताजा कर दी है. उस वक्त भी एक महिला प्रशासनिक पदाधिकारी के साथ भाजपाइयों ने अश्लीलता की थी. खूब है हायतौबा मचा था. आदित्यपुर थाने में सारी मर्यादाएं तारतार हुई थी. पुलिस कर्मी पिटे थे, महिला अधिकारी के वर्दी फाड़े गए थे. अश्लिलताएं की सारी सीमाएं पार हुई थी. मगर एक भी भाजपा नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं. हुई सभी बाइज्जत बरी हो गए थे. ठीक 6 साल बाद कमोबेश वैसी ही घटना सामने आई, जिसे लीपापोती कर दिया गया. हालांकि तब भाजपा की सरकार थी, मगर आज झामुमो- कांग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार है. मगर भाजपाइयों ने यह साबित कर दिया है कि सरकार झारखंड में किसी का हो सिक्का उनका ही चलेगा.
देखिये भजापा नेता की करतूत