नीमडीह: सामाजिक संस्था आदिवासी युवा कल्याण समिति की पहल पर सरायकेला जिले के सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र नीमडीह के सामानपुर के खेड़िया स्थित सबर बस्ती में सबर बच्चों के लिए निःशुल्क स्कूल खोला गया है.
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इसका संचालन केएम आदिवासी युवा कल्याण समिति द्वारा किया जाएगा. बुधवार को यहां स्थायी शिक्षको की नियुक्ति की गई. स्कूल का विधिवत उद्घाटन कोल्हान विश्वविद्यालय के वोकेशनल को- कॉर्डिनेटर डॉ संजीव आनंद ने किया. समिति की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया, कि सबर जाति झारखंड का आदिम जनजाति है, जो अशिक्षा और अज्ञानता के कारण विलुप्त होने के कगार पर है.
पूरे देश में बमुश्किल मात्र 10 सबर ही मैट्रिक पास हैं. यही कारण है कि संस्था की ओर से पिछले बोर्ड बैठक में सबर बच्चों के लिए स्कूल खोलने का निर्णय लिया था, जिसकी स्वीकृति मिलते ही नीमडीह में पहला सबर स्कूल खोला गया है ल. जहां पांचवी तक की शिक्षा मुफ्त प्रदान की जाएगी. उसके बाद आगे की पढ़ाई का प्रबंध भी संस्था की ओर से मुफ्त कराया जाएगा.
फिहलाल गुरुकुल पद्धति से यहां शिक्षा दी जाएगी. शिक्षक बच्चों को घरों से लाएंगे और उन्हें शिक्षित करेंगे. उन्होंने बताया, कि यहां सुबह और शाम दो- दो घंटे की पढ़ाई करायी जाएगी. इसके लिए स्थानीय शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया है. जिनका नाम गोपाल सिंह सरदार, रानी हांसदा और मधु सबर है. संस्था ने बताया कि सरकार से स्कूल का भवन बनाने की मांग की जाएगी.
संस्था के जगदीश महतो ने बताया कि यहां पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाएं समाज के लोगों को जागरूक भी करेंगे और शराब के प्रति समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने का भी काम करेंगे. उन्होंने बताया, कि शराब और अशिक्षा के कारण ही सबर जनजाति विलुप्त के कगार पर पहुंच चुकी है.
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