सरायकेला/ Pramod Singh मंगलवार को सरायकेला एवं आसपास के क्षेत्र में विभिन्न जलाशयों से काफी हर्षोंल्लास के साथ मंगला घट लाकर पारंपारिक रीति- रिवाज के अनुसार मां मंगला की पूजा- अर्चना कर सुख- समृद्धि व शांति की कामना की गई.
बताया कि इस पूजा के मुख्य प्रसाद के रूप में आम, केन्द, भेलवा, महुआ, सखुवा के फूल, पलाश के फूल, मूढ़ी आदि चढ़ाने सहित मुर्गा एवं बकरे की बलि भी दी जाती है. इस वर्ष इस पूजा में लगभग 200 से अधिक भक्तों ने शिरकत की.
जानकारी हो कि सरायकेला में प्रतिवर्ष चैत्र महीने के मंगलवार को पारंपारिक रीति रिवाज के अनुसार मंगला ऊषा की पूजा- अर्चना की जाती है. प्रतिवर्ष की भांति मंगलवार को सरायकेला में खरकई नदी, राजबांध समेत विभिन्न जलाशयों से गाजा बाजा के साथ मंगला घट लाकर इंद्रटांटी स्थित पूजास्थल पर मां मंगला ऊषा की पूजा अर्चना की गई. पूजा में जंगली फल- फूल का प्रसाद के साथ बत्तक, मुर्गा व कबूतर की बलि चढ़ाई गई.
सीनी के मोहितपुर पंचायत के स्वर्णपुर एवं सोहनडीह में प्रतिवर्ष की भांति काफी धूमधाम के साथ मां मंगला की पूजा- अर्चना की गई. कृरूणापुर नाला एवं पंपू तालाब से गाजाबाजा के साथ कलशयात्रा निकाली गई और घट लाकर पूजास्थल पर मुर्गा व बत्तक की बलि चढ़ाते हुए मंगला उषा की पूजा- अर्चना कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना की गई.
Reporter for Industrial Area Adityapur