नक्सल विरोधी संगठन के अध्यक्ष ने पुलिस पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
सरायकेला खरसवां जिला अंतर्गत नीमडीह थाना के आदिवासी बहुल बामनी गांव में शुक्रवार को हुई ग्रामीण – पुलिस संघर्ष के बाद से पुलिस सघन कार्रवाई में जुटी है. वहीं दूसरी ओर नक्सल विरोधी संगठन ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. गौरतलब है कि चड़क पूजा के दौरान हुए भीड़ को हटाने के लिए पुलिस की ओर से शुक्रवार को लाठियां भांजी गई थी, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने भी पुलिस बल पर हमला कर दिया था.
जिसमें थाना प्रभारी समेत पुलिस जवान घायल हुए हैं. उधर अब बामनी गांव में पुलिस के ख़ौफ़ से सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं, घरों के दरवाजों पर ताले लगा दिए गए हैं. दुकानें भी बंद है. इक्के- दुक्के लोग गांव में देखे गए हैं जो कि घटना के संबंध में कुछ भी बात नहीं कर रहे हैं.
नीमडीह प्रखंड के प्रमुख एवं दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति (नक्सल विरोधी संगठन) के अध्यक्ष असित सिंह पातर ने कहा है कि पुलिस की नासमझी के कारण यह घटना घटी है. चड़क पूजा आदिवासी मूलवासी समुदाय का पारंपरिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक पूजा है, यह पूर्वजों के समय से चली आ रही हैं और इसकी तिथि पहले से निर्धारित रहती हैं. जिसमें सभी लोगों को आमंत्रित किया जाता है और श्रद्धालु आते हैं.
श्रद्धालु पूजा अर्चना कर भगवान शिव और ग्राम देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. उन्होंने कहा, कि लोग सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए पूजा कर रहे थे, उसी समय पुलिस आयी और लाठियां बरसाई. जिसके कारण मामला अशांत हुआ और आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला किया.