झारखंड का एक और मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल की मान्यता खतरे में पड़ गयी है. पहले जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल को कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से बंद कर दिया गया, वहीं जमशेदपुर के पड़ोसी जिला सरायकेला के आदित्यपुर स्थित मेडिट्रीना सुपर मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पर सिविल सर्जन डॉ हिमांशु भूषण भरवार ने क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत दोषी पाते हुए नए मरीजों के इलाज पर रोक लगाते हुए 7 दिनों के भीतर जवाब तलब किया है.
साथ ही 5 लाख का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ हिमांशु भूषण बरवार ने बताया, कि अस्पताल के खिलाफ आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों का सही इलाज नहीं किए जाने और आयुष्मान के मरीजों से अधिक पैसे लिए जाने की शिकायत मिलने के बाद जांच कराई गई. साथ ही जांच में अस्पताल के खिलाफ मिले शिकायत सही पाए गए.
उन्होंने 7 दिनों के भीतर अस्पताल को अपना पक्ष रखने की मोहलत दिए जाने की बात कही है. साथ ही संतुष्ट नहीं पाए जाने पर स्थायी रूप से निबंधन रद्द किए जाने की बात कहीं. सिविल सर्जन ने इस दौरान नए मरीजों का निबंधन करने पर रोक लगा दी है साथ ही पुराने मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज करने का निर्देश जारी किया है. वैसे इस अस्पताल पर सरकारी डंडा चलते ही राज्य का एक और सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. वैसे वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी अस्पताल नहीं खुला है, बल्कि दो- दो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का वजूद खतरे में पड़ गया है.