सरायकेला: जिले के सरायकेला अंचल के मासलेवा और गंगपुर गांव के जमीन को अधिग्रहण कर समतलीकरण किया जा रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी से लिखित शिकायत की है. शिकायत में बताया गया है कि जिस जमीन का अधिग्रहण कर समतलीकरण किया जा रहा है उसमें 10 एकड़ जमीन ग्रामसभा की है. इसके लिए ग्रामसभा को कोई सूचना नहीं दी गई है. इस अधिग्रहण की वजह से आदिवासियों की जीवनशैली प्रभावित हो रही है.
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इससे मवेशियों को चराने में समस्या हो रही है. वहीं हजार से भी ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है. खेतों तक पहुंचने वाले सिंचाई नालों को भी समतल कर दिया गया है. इन सब से पता चल रहा है कि ग्राम सभा का उल्लंघन किया गया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी के समक्ष अपनी मांगे रखी है. इससे पूर्व बैठक में गांगपुर, मसलेवा, चैनपुर, सिंदरी, मुंडाटाड, चंडकपातर, सोलापुर, चोडा, मुड़िया, जीवनपुर, पालुबेडा सहित 11 गांव के लोग शामिल रहे. बैठक में मौजूद आदिवासी हो समाज महासभा के उपाध्यक्ष मनोज कुमार सोय ने कहा कि इस समस्या के समाधान हेतु संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ी जाएगी. जल- जंगल और जमीन से ही आदिवासी की पहचान है. इसे बचाने के लिए हर संभव हमारा संगठन आदिवासी समुदाय के साथ संघर्षरत रहेगा. बैठक में बिरसा मेलगांडी, बाबुलाल गोटसोरा, ईलु मेलगांडी, सोमनाथ पाड़िया, चंद्र पाड़िया, बिरसा हो, पालु हांसदा, सालेने सोय, सूरज सोय, नागेन सोय, विजय दिग्गी, सुमित्रा गोडसेरा, शांति पाड़िया, रानी गोडसेरा, प्रतिमा देवगम, जयंती कुइ, सोमबीर मांझी, बुधनी किस्कू, आदि उपस्थित रहे.
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