सरायकेला: कोरोना की लहरों के बीच एड्स जैसी भयावह बीमारी गौण हो गयी. विश्व एड्स दिवस पर एक दिनी जागरूकता अभियान के साथ सरायकेला सदर अस्पताल स्थित आईसीटीसी सेंटर में विश्व एड्स दिवस मनाया गया. जहां जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहयोग से अस्पतालकर्मियों और पहुंचे जनों को रेड रिबन बांधकर जागरूक करते हुए कोरम पूरा किया गया. वैसे यदि जिले में एड्स बीमारी के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें वृद्धि हुई है. बीते वर्ष तक जिले में 28 एचआईवी पॉजिटिव सक्रिय मामले थे. वहीं वर्तमान चालू वर्ष में 3 मामलों की वृद्धि होते हुए कुल 31 मामले स्वास्थ्य विभाग के सामने आए हैं. जिनमें से 14 मामले गर्भवती माताओं के हैं, जबकि 17 मामले सामान्य जन के हैं. बता दें कि गर्भवती महिलाओं के सरकारी अस्पताल में जांच के दौरान किए जा रहे एड्स की भी जांच से उक्त मामले सामने आए हैं. जिले में सक्रिय 31 पॉजिटिव मामलों में से सात मामले सरायकेला आईसीटीसी सेंटर के अंतर्गत है. जिला एड्स कंट्रोल समिति की नोडल पदाधिकारी डॉ वीणा सिंह बताती है, कि सभी सक्रिय मामलों पर विभाग द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही है. और सभी का प्रॉपर इलाज नियमित रूप से जारी है. वैसे जिले की अंतर्राज्यीय सीमाएं पश्चिम बंगाल और उड़ीसा राज्यों से मिलती है. जहां राष्ट्रीय राजपथ की लंबी सीमाओं के साथ ट्रेन की पटरियों के जाल बिछे हुए हैं, और लोगों का आवागमन महानगरों सहित अन्य शहरों से प्रतिदिन का रहा है. इसके अलावे राष्ट्रीय राजपथ के माध्यम से विभिन्न राज्यों से मालवाहक वाहनों का भारी संख्या में आवागमन जिले से होकर होता है. जिससे जिले में एड्स बीमारी के फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में चिन्हित सपॉट सहित अन्य क्षेत्रों में भी जनजागरूकता की स्थिति शून्य होने से स्थिति गंभीर होने की संभावना जताई जा रही है.
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