saraikela रविवार से ही तेज हवा व लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सरायकेला, राजनगर एवं खरसावां क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के कारण खेतों में पक रही धान की फसलों को नुकसान हो रहा है. बारिश से खेतों में पानी भर गया है. धान और सब्जी की फसलें बर्बाद हो रही हैं. खेतों में पानी भर जाने से किसान पके चुके धान फसल की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. यही हाल रहा तो खेतों में धान के फसल अंकुरित हो जाएंगे. जिससे किसानों के लिए अपना परिवार का पेट पालना काफी मुश्किल हो जाएगा. वैसे भी इस साल शुरू में काफी ज्यादा बारिश होने के कारण किसानों ने काफी जमीन परती ही छोड़ दी है. समय पर छींटा विधि से खेती नहीं कर पाए थे. जिससे सभी खेतों की रोपनी नहीं हो पाई. बीच में बारिश नहीं होने के कारण ऊपरी जमीन में लगी फसल ठीक से नहीं हो पाई और अब बेमौसम बारिश से यदि फसल बर्बाद हो गए तो किसानों की कमर ही टूट जाएगी. बारिश से खरीफ सीजन में खड़ी फसलों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. धान की फसल बरसाती पानी में हवाओं की वजह से खेतों में गिर पड़ीं हैं. खेत में मेड़ के ऊपर तक पानी भरा है. यह पूरी तरह से उत्पादन को प्रभावित करेगा. हवाओं के साथ लगातार बारिश के प्रकोप से जो धान की फसलें बच गईं, उसमें पानी की अधिकता यानि जल जमाव के कारण शाकाणु झुलसा (शीथ ब्लाईट) के साथ ही अन्य रोगों के आने की आशंका बढ़ जाती है. तेज पुरवा हवाओं ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है. वर्षा के साथ तेज हवाओं के चलने से धान की फसल में लगे फूल गिरने लगते हैं, जिससे धान की बालियां सूख जाती हैं. फसल के पैदावार में भी गिरावट आती है. फिलहाल मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक झारखंड में बारिश की संभावना जताई है.
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