सरायकेला सिविल कोर्ट परिसर और अधिवक्ताओं के बैठने के सिरस्ता में बरसात के दिनों में होनेवाले जलजमाव की समस्या दूर करने की दिशा में मामला आगे बढ़ता दिख रहा है. अधिवक्ताओं की लंबे समय से की जा रही मांग और उपायुक्त के निर्देश के बाद भवन निर्माण विभाग की ओर से 1.59 करोड रुपए का डीपीआर प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा गया है. इस डीपीआर के अनुसार पूरे व्यवहार न्यायलय परिसर के लेयर को डेढ़ फीट तक ऊंचा किया जाएगा, ताकि बरसात का पानी गिरते ही सीधे नाले के रास्ते निकल जाये और जलजमाव नहीं होगा. भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार महाली ने कहा कि शनिवार को इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है, डीपीआर की मंजूरी के साथ ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. इधर अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि परिसर अगर डेढ़ फीट ऊंचा हो जाता है तो पानी का जमाव नहीं होगा. उन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर व बार भवन के पास नगर पंचायत द्वारा साफ सफाई किया जा रहा है. उन्होंने चहारदीवारी के बहार जो पहले कच्चा नाला था उसे जेसीबी मशीन से खुदाई करने की मांग की है. ताकि कच्चा नाला से बरसात का पानी बह जाये व पानी परिसर के अंदर नहीं आ पाये. अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया, कि नाली के निर्माण हेतु बार के अधिवक्ता निर्मल आचार्य, अशोक कुमार रथ सहित अन्य अधिवक्ताओं ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी से मिल कर नाली निर्माण करने व जलजमाव की समस्या से अवगत कराया है. अधिवक्ताओं की समस्या पर कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत द्वारा एक सप्ताह के अंदर नाला का प्राक्कलन तैयार करने व स्वीकृति हेतु नगर विकास विभाग को भेजने का आश्वासन दिया गया. साथ ही तत्काल व्यवस्था के तौर पर कच्चा नाला खुदवा कर पानी को रोकने की बात कही गई. गौरतलब है कि कोर्ट परिसर में पानी जमाव को लेकर अधिवक्ताओं ने जिले के उपायुक्त के अलावे हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नरायण, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार को अवगत कराया था.
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