सरायकेला (Pramod Singh) जगन्नाथ मंदिर सभागार में उत्कल सम्मेलनी सरायकेला प्रखंड कमेटी की ओर से डॉ गुरुप्रसाद महांती के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया. सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उत्कल सम्मेलन के सभी पदाधिकारी एवं उड़िया शिक्षकों ने उड़िया भाषा को जीवित रखने के लिए हमेशा आगे बढ़ने का संकल्प लिया.
उत्कल सम्मेलन के प्रखंड कमेटी के अध्यक्ष सुदीप पटनायक ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्गीय गुरु प्रसाद मोहंती आज भले ही जीवित ना हो परंतु उनके द्वारा किया गया कार्य आज भी लोग याद करते हैं. जिला परिदर्शक सुशील सारंगी ने कहा कि स्वर्गीय गुरु प्रसाद मोहंती का जन्म 1938 में उड़ीसा के कटक स्थित बदामबाड़ी में हुआ था, स्वर्गीय गुरु प्रसाद महंती द्वारा सरायकेला खरसावां जिला ही नहीं बल्कि पूर्वी सिंह एवं पश्चिम सिंहभूम जिला में भी गांव-गांव घूमकर ओड़िया भाषा के छात्र-छात्राओं को ओड़िया पठन-पाठन के लिए मोटिवेट किए हैं. उड़िया भाषा संरक्षण को लेकर किए गए कार्य उनका सदा याद रहेगा. सक्रिय सदस्य काशीनाथ कर ने कहा कि गुरु बाबू हमारे बीच नहीं रहे ,इसका पीड़ा हमें है परंतु उनके मार्गदर्शन से हम उड़िया भाषा को और ऊंचाई तक ले जा सकते हैं, और उनके अधूरे सपनों को पूरा कर सकते हैं. कार्यक्रम में जिला सह सचिव बद्री दारोगा, प्रखंड कमेटी के उपाध्यक्ष चिरंजीवी महापात्र, सचिव राजा ज्योतिषी ,कोषाध्यक्ष परशुराम कवि, दुख राम साहू ,लक्ष्मीप्रिया कर, रीता रानी नंद, शक्ति कुमार पति, सुष्मिता अचार्य ,गीतांजलि महंती, अन्नपूर्णा रथ ,अर्चना दास, मौसमी होता, झुना कर, तपती कर, ज्योत्सना महापात्र, रीना मिश्रा, मिनोती दास, पद्मावती पति सहित कहीं उपस्थित रहे.