सरायकेला (Pramod Singh) सरायकेला के हेंसाउड़ी निवासी छऊ गुरु राधाकांत पटनायक के असामयिक निधन से दु:खी सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के कलाकारों ने सोमवार को शोकसभा का आयोजन किया. इसमें दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी ने मौन प्रार्थना करते हुए उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित की.
जगन्नाथ मंदिर के सांस्कृतिक भवन में एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महंती की अध्यक्षता में आयोजित शोकसभा में एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित स्थानीय कला प्रेमी भी उपस्थित थे. वरीय कलाकार रजत पटनायक ने कहा कि राधाकांत जी छऊ नृत्य कला के साथ ढोल, नगाड़ा के साथ छऊ टीम के साथ लंदन सहित देश- विदेश गए कई संस्मरण सुनाये.
गुरु सुशांत महापात्र ने कहा कि छऊ कला के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. सरंक्षक सदस्य मनोज चौधरी ने कहा कि स्व. राधाकांत पटनायक के पिताजी नाट्यशेखर बनबिहारी पटनायक ने अनेक नृत्य की रचना की थी. ये भी अपने समय इस विरासत को आगे बढाने में हमेशा समर्पित रहे. अध्यक्ष भोला महांती ने भी देश एवं विदेशों में नृत्य प्रस्तुति में उनके साथ व्यतीत क्षणों के सम्बंध में बताते कहा कि वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे.
इस अवसर पर छऊ गुरु गणेश चंद्र महतो, सुमित महापात्र, कुना सामल, राकेश कबि एवं रबिन्द्र मोदक ने भी उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला.