कांड्रा/ Bipin Varshney यूं तो सरायकेला- खरसावां जिले में खड़ी गाड़ियों से टकराकर असमय काल के गाल में समाने वालों की फेहरिस्त पहले से ही काफी लंबी है जिसके कारण सरायकेला- कांड्रा मार्ग दुर्घटना की दृष्टि से डेंजर जोन बना हुआ है. इसके बावजूद ना तो बीच सड़क पर गाड़ियों के खड़ा रहने का सिलसिला थम रहा है और ना ही बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लाख कोशिशों के बावजूद जिला प्रशासन अंकुश लगा पाने में सफल हुई है. फिर चाहे बात सड़क सुरक्षा सप्ताह की हो या हेलमेट चेकिंग से लेकर वाहनों के कागजात की जांच के नाम पर राजस्व बढ़ाने में लगा ट्रैफिक विभाग. किसी को बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मुकम्मल पहल करते कभी नहीं देखा गया.
ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों और जवानों को वसूली के सिवाय कोई और काम करना फिजूल लगता है. ऐसे में परेशानी तो आम जनता को होना लाजमी है, लेकिन जब आम जनता के साथ- साथ छोटे- मोटे नन्हे- मुन्ने बच्चों को भी जिला प्रशासन की उदासीनता का दंश झेलना पड़े तो वाकई मामला काफी गंभीर प्रतीत होता है.
ऐसा ही मामला सरायकेला- कांड्रा मार्ग पर कांड्रा थाना अंतर्गत स्थित शेन इंटरनेशनल स्कूल के गेट के सामने नजर आ रहा है. जहां पिछले 4 दिनों से खड़ा दुर्घटनाग्रस्त ट्रक किसी बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहा है. इस क्षतिग्रस्त वाहन को सड़क से हटाने के लिए ना तो सड़क निर्माता कंपनी जेएआरडीसीएल दिलचस्पी ले रहा है और ना ही जिला प्रशासन और ना ही ट्रैफिक विभाग. ट्रक के आगे पीछे 20- 20 मीटर पर बड़े- बड़े पत्थर रख दिए गए हैं और किनारे से होकर गाड़ियां गुजर रही हैं. इसके कारण स्कूल गेट के सामने प्रतिदिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. स्कूल के आगमन और स्कूल से प्रस्थान के समय स्कूली बच्चे भी काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. स्कूल गेट के सामने से दुर्घटनाग्रस्त वाहन को हटाने के लिए मीडिया कर्मियों ने जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस से लेकर जेआरडीसी एल के अधिकारियों को भी सूचित किया. लेकिन कुम्भकर्णी की निद्रा में सोए अधिकारी बिना किसी बड़े हादसे के जागने का नाम नहीं ले रहे हैं. देखें
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