सरायकेला: सरायकेला अंचल के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत टेंटोपोसी के शांति मंदिर में शुक्रवार को सप्तमी पूजा के साथ वासंती दुर्गा पूजा का शुभारंभ हुआ. पूजा का शुभारंभ होते ही सप्तमी पूजा के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. हालांकि कोविड-19 का अनुपालन करते हुए मां दुर्गा के दरबार में उपस्थित होकर लोगों ने सुख शांति एवं समृद्धि के लिए पूजा अर्चना की.
जानकारी हो कि टेंटोपोसी में वर्षों से श्री श्री 108 बसंती पूजा कमेटी के तत्वावधान में वासंती दुर्गा पूजा का आयोजन होते आ रहा है. यहां के पूर्वजों द्वारा वासंती पूजा का शुभारंभ किया गया था जो इस क्षेत्र का एकमात्र वासंती पूजा थी. पिछले वर्ष श्रद्धालुओं के सौजन्य से पुराने मंदिर के जगह पर भव्य एवं आकर्षक मंदिर बनाया गया है. कोरोना महामारी को लेकर विगत 2 वर्ष से यहां पूजा सांकेतिक रूप में मां दुर्गा की पूजा की गई थी. गाइड लाइन में कुछ छूट देने पर इस वर्ष यहां काफी धूमधाम से गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए वासंती दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया है. शारदीय दुर्गा पूजा का दूसरा रूप वासंती पूजन के रूप में देवी प्रतिमा को स्थापित कर किया गया. षष्टी पूजन के प्रथम दिन भक्तों ने परंपरागत परिधानों, वाद्य यंत्रों ढाक, शंख, घंटे के साथ मां वासंती देवी का पूजन किया. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार सर्वप्रथम राजा सूरत ने मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर बसंत ऋतु में पूजा आरंभ की थी, तभी से इस पूजा का आयोजन होता है. मान्यता है की षष्ठी के दिन मां को कैलाश से षष्ठादीकल्परभ में मंदिर के बाहर बेल वृक्ष में कलश को स्थापित कर मंत्रों के आह्वान के साथ बुलाया जाता है. सप्तमी के दिन नव पत्रिका को मंदिर में प्रवेश कराते हैं और इसके बाद देवी की प्रतिमा की सप्तमी से लेकर दशमी तक मंदिर के अंदर ही पूजन किया जाता है. पूजा समिति के अभिषेक आचार्य ने बताया कि शुक्रवार को सप्तमी पूजा के साथ बसंती दुर्गा पूजा का शुभारंभ हुआ और पूजा आरंभ होते ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया है. आचार्य ने बताया शनिवार को अष्टमी एवं रविवार को नवमी की पूजा होगी. उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष की भांति पूजा में ब्राह्मण बालकों का उपनयन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.