सरायकेला: जिला प्लस टू राजकीय उच्च विद्यालय के संगीत शिक्षक विशाल साहू को डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया है. श्री साहू को यह उपाधि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वाविद्यालय प्रयागराज के संगीत एवं कला प्रदर्शन विभाग ने प्रदान किया है.
शोधार्थी विशाल कुमार साहू के
शोध का विषय तबला वादन के क्षेत्र में पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकारों की वादन शैली एवं योगदान पर अध्ययन करना था. इसके तहत उन्होंने अनेक कलाकारों तक पुरस्कारों का महत्व बताते हुए कौन सा पुरस्कार किस प्रकार मिलता है, किस प्रकार उसमें आवेदन किया जाता है और पुरस्कार जीवन में क्या महत्व रखता है जिससे कि वह समाज में अपनी प्रतिष्ठा और बढ़ा सके, अपने शोध के मध्यम से जानकारी दी.
मालूम हो कि भारत सरकार द्वारा कितने सम्मान कलाकारों को दिए जाते हैं तथा उनकी चयन प्रक्रिया क्या है यह एक जागरूकता का विषय है. श्री साहू ने बताया कि विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के अतिरिक्त बहुत से ऐसे कलाकार है जो कम शिक्षित होते हैं. उनको भारत सरकार की सांस्कृतिक योजनाओं से अवगत कराना एक दुर्लभ कार्य है जिसमे मैन अपने शोध से कलाकारों को परिचित कराने का प्रयास किया है. साथ ही भारत रत्न, पद्म पुरस्कार, पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण जो कि भारत का उच्च नागरिक सम्मान है, इस विषय पर शोध कर कई सारी नई चीज सभी के सामने लेकर आया. इसके लिए विश्वविद्यालय शोध विभाग, विभाग अध्यक्ष एवं बनारस विश्वविद्यालय काफी सराहा गया है साथ ही भविष्य में बहुत उपयोगी होने ही बात कही गयी. उन्होंने बताया की उनके शोध से कलाकारों को अपनी प्रतिभा को निखारने के अवसर प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि अपने शोध में उन्होंने पद्म पुरस्कार प्राप्त कलाकारों एवं अन्य पुरस्कार प्राप्त कलाकारों की विशेष बंदिशों का संकलन व उनकी जीवन वृत्ति, वादन शैली का उल्लेख किया है. पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण से नवाजे गए सभी कलाकारों का साक्षात्कार लेकर उसका उल्लेख किया है और उसमें उनकी चार चित्रों का भी उल्लेख है. श्री साहू को 6 दिसंबर को यह उपाधि ऑनलाइन प्रदान की गई. इस अवसर पर संगीत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रेनू जौहरी, प्रोफेसर परीक्षक प्रवीण उद्धव (काशी विश्वविद्यालय), प्रोफेसर पंडित प्रेम कुमार मल्लिक, प्रोफेसर धर्मपाल, डॉ ज्योति मिश्रा, डॉ विशाल जैन, डॉ गिरिधर गोपाल मिश्रा, डॉ विनोद मिश्रा, डॉ शिल्पी नाहर, आ. प्रो शिवांगी सक्सेना, डॉ वंदना त्रिपाठी, अभिषेक साहू व अन्य शोधर्थी विधार्थी मौजूद थे.