सरायकेला: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में सरायकेला- खरसावां जिले के स्ट्रीट बच्चों का चिन्हिकरण, स्थिति का आंकलन एवं डाटा बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड को लेकर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने बैठक किया. बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, सदस्य, बाल कल्याण समिति, केंद्र समन्वयक चाइल्ड लाइन के सदस्य उपस्थित थे. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि स्ट्रीट चिल्ड्रन (चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन ) मुख्यतः तीन तरह के है. वैसे बच्चे जो दिन भर भटकते रहते हैं, जिनका घर नहीं होता है. दूसरे प्रकार वे बच्चे है, जो दिन भर घूमते हैं और रात को घर चले जाते हैं, एवं तीसरा वैसे बच्चे है जो दिनभर सड़कों में घूमते हैं और उनके माता- पिता भी खानाबदोश है, एवं जिनका कोई स्थायी आवास नही होता है. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि 15 फरवरी तक प्रत्येक ब्लॉक वार सघन सर्वे कर पूरे जिलों में तीनों कोटी के सड़कों पर रहने वाले बच्चों का चिन्हिकरण करें एव उनका डॉक्यूमेंटेशन करें. बच्चे की स्थिति का आंकलन करने के बाद एसआईआर तैयार करना और व्यतिगत देखरेख की योजना तैयार करना इस सर्वे मे शामिल है. इसके साथ ही बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को प्रस्तुत किया जायेगा तत्पश्चात एसआईआर, आईसीपी बच्चों की स्थिति का आकलन करते हुए बच्चे एवं परिवार जिस योजना के लिए योग्य पाए जाएंगे उन्हें उन सरकारी योजनाओं से जोड़कर बच्चे को पुनर्वासीत किए जाने का काम करेगी. बच्चे को विद्यालय आदि से जोड़कर बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास करना ही इसका मुख्य उदेश्य है. बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर, सदस्य बाल कल्याण समिति केंद्र समन्वयक उपस्थित थे.


