सरायकेला (Pramod Singh) झारखंड में आदिवासी- मूलवासी एकबार फिर से अपने- सामने हैं. इसबार सरायकेला के सिनी ओपी अंतर्गत उकरी मोड़ पर प्रतिमा लगाए जाने को लेकर कुड़मी समुदाय और भूमिज समुदाय आमने- सामने आ गए. करीब दो घंटे तक चले ड्रामे के बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
शनिवार को दोनों पक्ष एसडीओ कोर्ट पहुंचे. जहां एसडीओ ने दूसरे पक्ष यानी भूमिज समुदाय के लोगों को बगैर अनुमति के प्रतिमा स्थापित करने से मना कर दिया. जिससे भूमिज समाज के लोग आक्रोशित हैं.
दरअसल सिनी के उकरी मोड़ पर झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पूर्व से ही स्थापित थी. बीती रात पारंपरिक हथियारों से लैस होकर भूमिज समुदाय के लोग उकरी मोड़ पहुंचे और जबरन शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा के बगल में चुआड़ विद्रोह के नायक गंगा नारायण सिंह की प्रतिमा लगाने लगे. जिसपर कुड़मी समाज के लोगों ने यह कहते हुए विरोध जताया, कि बगैर प्रशासनिक स्वीकृति के प्रतिमा किसके इजाजत से लगाया जा रहा है.
कुड़मी समाज के लोगों ने इसके लिए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को दोषी बताते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी. उधर भूमिज समुदाय के लोगों ने भी चुआड़ विद्रोह से संबंधित नारेबाजी शुरू कर दी. देखते ही देखते पूरा इलाका रणभूमि में तब्दील हो गया. दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग मौके पर जुट गए. हालांकि पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाला और करीब 2 घंटे बाद दोनों पक्षों को शांत कराया. वैसे अहम सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी इजाजत से रात के अंधेरे में प्रतिमा लगाया जा रहा था, जब पूर्व से शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा स्थापित थी. हालांकि एसडीओ ने भूमिज समुदाय द्वारा बगैर प्रशासनिक स्वीकृति के शहीद गंगा नारायण सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग को खारिज कर दिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि झारखंड में आदिवासियों- मूलवासियों के बीच किसी न किसी बात को लेकर तनाव चल रहा है, जो कभी भी हिंसक रूप ले सकता है. वैसे खतियान आंदोलन उसके बाद कुड़मी को एसटी का दर्जा देने संबंधी मांग को लेकर उपजे हालिया विवाद के बाद से ही राज्य के आदिवासी- मूलवासी आमने- सामने हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भूमिज समुदाय का अगला कदम क्या होता है. हालांकि कुड़मी समुदाय के लोगों ने इसके लिए स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा को दोषी ठहराया है. बता दें कि अर्जुन मुंडा भी भूमिज समुदाय से ही आते हैं.