सरायकेला/ Pramod Singh मुख्यमंत्री द्वारा बीते 16 जून को किए गए समीक्षात्मक बैठक में दिए गए निर्देश के अनुसार जिले के 9 अंचलों में सोलर प्लांट अधिष्ठापन के लिए भूमि का चिन्हितिकरण कर लिया गया है. उपायुक्त ने इसकी स्वीकृति देते हुए झारखंड सरकार ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सोलर प्लांट अधिष्ठापन के लिए चिन्हित किए गए भूमि की सूचना दे दी है. जिसके तहत सरायकेला अंचल के रांगामटिया और चमारु मौजा में 5 एकड़, खरसावां अंचल के गोण्डामारा मौजा में 5 एकड़, कुचाई अंचल के डांगों मौजा में 5 एकड़, गम्हरिया अंचल के ईटागढ़ में 5 एकड़, राजनगर अंचल के बाटुझोर मौजा में 5 एकड़, चांडिल अंचल के रुदिया में 5 एकड़, नीमडीह अंचल के पूरियारा मौजा में 5 एकड़, इचागढ़ अंचल के चितरी मौजा में 5 एकड़ और कुकड़ू अंचल के कुकड़ू मौजा में 5 एकड़ जमीन का चिन्हितिकरण सोलर प्लांट अधिष्ठापन के लिए किया गया है.
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जिले के सभी 9 प्रखंडों में एक- एक मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी. एक सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 4- 5 एकड़ भूमि की जरूरत होगी जहां साल के 365 दिनों में से 300 से 325 दिन सूर्य की रोशनी सीधे उस भूमि पर पड़ती हो. जिले के 9 प्रखंड में जमीन चिन्हित कर ली गई है. जल्द ही सरायकेला खरसावां के 9 प्रखंडों में सोलर प्लांट लग जाने से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बिजली की समस्या से निजात मिलेगी.
एक प्लांट से 1 किलोवाट खपत की क्षमता वाले 1000 घरों में हो सकेगी आपूर्ति
एक मेगावट सौर ऊर्जा उत्पादन का मतलब एक हजार किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है. इससे 100 केवीएम की क्षमता वाले 10 ट्रांसफॉर्मर में बिजली की आपूर्ति की जा सकती है. साथ ही एक किलोवाट की खपत करने वाले एक हजार घरों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी.
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