सरायकेला: श्री जगन्नाथ मंदिर के कायाकल्प के दौरान 63 वर्ष बाद मंदिर के गुंबद में नीलचक्र एवं बाना (पताका एवं चक्र) नए रूप में स्थापना किया गया है. लगभग पौने 400 साल पुरानी इस मंदिर के रखरखाव का जिम्मा जन सेवा समिति द्वारा किया जा रहा है.
समिति द्वारा जगन्नाथ धाम पूरी के तर्ज पर यहां के प्राचीन मंदिर कायाकल्प करते हुए अलग लुक दिया जा रहा है. सोमवार को सुबह 7 बजे से पूजा अर्चना प्रारंभ हुई लगभग डेढ़ घंटे तक चली विशेष हवन यज्ञ के बाद मंदिर कमेटी के सदस्य की उपस्थिति में पताका एवं चक्र मंदिर के गुंबज तक ले जाकर स्थापना किया गया. पताका का निर्माण कोलकाता से कराया गया है, जबकि चक्र को उडीसा में तैयार कराया गया है. इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष राजा सिंहदेव, कोषाध्यक्ष चिरंजीवी महापात्र, मार्गदर्शक मंडली के बादल दुबे, चंद्रशेखर कर, गणेश सतपति, परशुराम कवि, पुजारी ब्राह्मदेव महापात्र, राजा महापात्र, राजा आचार्य अजय साहू, दुखुराम साहू, रूपेश महापात्र, सानु आचार्य, जयराज दास, ध्वज वाहक रइबु सरदार उपस्थित रहे.