सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले में एक चौकाने वाला मामला प्रकाश में आया है, दरअसल जिले में कई स्कूल अवैध रूप से चल रहे हैं. ये स्कूल न केवल उचित सरकारी अनुमति के बिना संचालित हो रहे हैं, बल्कि न्यूनतम शिक्षा मानकों को पूरा करने में भी विफल हैं. यह खुलासा बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है, जो बच्चों के शिक्षा के अधिकार को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. इधर, खुलासे के बाद क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई के आदेश दिए है.
बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 19(4) स्पष्ट रूप से कहता है कि बिना अनुमति या मान्यता प्राप्त किए कोई भी स्कूल नहीं चला सकता. जो व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करता है, वह एक लाख तक के जुर्माने के साथ-साथ प्रत्येक अतिरिक्त दिन के लिए 10,000 रुपए तक के दैनिक जुर्माने के लिए भी दायी हो सकता है.
यह खुलासा जिले के बच्चों के भविष्य के लिए गंभीर खतरा है. क्षेत्रीय विकास निदेशक ने जिले के सभी अभिभावकों को सख्त चेतावनी दी है कि वे अपने बच्चों को ऐसे किसी भी अवैध और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल में दाखिला न कराएं. ऐसा करना न केवल आपके बच्चे की शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा बल्कि कानूनी जटिलताओं को भी जन्म दे सकता है.
वहीं क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवैध स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी अवैध स्कूलों को तत्काल बंद करने के आदेश जारी करने, स्कूल चलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने, अभिभावकों को उनके बच्चों को अवैध स्कूलों से निकालने के लिए जागरूक करने का आदेश दिया है.