सरायकेला: सरायकेला सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय के शांतिकुंज में रविवार को भव्य समारोह के साथ दादा- दादी, नाना- नानी सम्मान सह पूजन समारोह का आयोजित किया गया. अतिथियों के सम्मान में विद्यालय के भैया एवं बहनों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए.
नाना-नानी को याद करते हुए बच्चों ने “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए बाकी बचा सो काले चोर ले गए’ गाकर प्रसन्न कर दिया. विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य ने कहा कि शिक्षा एक ऐसी विधा है जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं. हमारा विद्यालय संस्कार संस्कृति एवं सदाचार के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, इसी कड़ी में हम आज दादा- दादी, नाना- नानी का पूजन समारोह का आयोजन कर रहे हैं.
संस्कृति और सामाजिक कर्तव्य के विकास करने के लिए शिशु मंदिर हमेशा प्रयासरत है और रहेगा. विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव रमानाथ आचार्य ने कहा कि आज की वर्तमान पीढ़ी दादा- दादी, नाना- नानी की देन है. संस्कार का प्रथम पाठशाला हमारे बुजुर्ग हैं. बिना संस्कार के चरित्र निर्माण संभव नहीं होता. इसलिए उनका आदर सम्मान करना हमारा अपना दायित्व बनता है. उन्होने कहा कार्यक्रम के माध्यम से भटके नवयुवक को एक संदेश देने का प्रयास है. विद्यालय परिवार की ओर से सभी 154 दादा- दादी, नाना- नानी को अंग वस्त्र देकर सम्मान किया गया. तत्पश्चात पोते- पोतियो ने तिलक लगाकर, पुष्प अर्चन कर दादा- दादी के चारों ओर परिक्रमा करके उनकी पूजा अर्चना की.