सरायकेला/ Rasbihari Mandal जिले के बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया में बड़े गोरखधंधा की बात सामने आई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार और माफियाओं की सांठ- गांठ से जिले के बालू घाटों के संचालन की जिम्मेदारी रांची की एजेंसी को सौंपने की तैयारी चल रही है.
विदित हो कि पूर्व में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया के लिए खनन विभाग की ओर से आवेदन मांगा गया था जिसके तहत जिले के 19 संवेदकों से 7.50 लाख रुपए की राशि सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराया गया था. किंतु विशेष सूत्रों से पता चला है कि सरकार के दबाव में खनन विभाग नियमों को ताक पर रखकर अवैध रूप से बालू घाटों की जिम्मेदारी रांची के किसी खास संवेदक को सौंपने की तैयारी कर रही है.
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि इस वाकये की जानकारी एमडीओ सिलेक्शन में शामिल 19 संवेदकों को कानों- कान खबर तक नहीं लगी. जिससे संवेदकों में भारी आक्रोश है अचानक इसका आभास मिलने के बाद बाक़ी संवेदक उबाल पर हैं और उग्र आंदोलन की चेतावनी तक दे डाले हैं. हालांकि सच्चाई से परदा उठना अभी बाकी है लेकिन परदे के पीछे जो खेल चल रहा है उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बू आ रही है. कुछ संवेदकों का कहना है कि उन्हें इसका आभास तक नहीं था कि इस प्रकार से टेबल के नीचे से बालू घाटों की बंदोबस्ती किसी एजेंसी को दी जाएगी. खनन विभाग आगे किस तरह से अपना पक्ष रखती है यह देखना रोचक होगा लेकिन यह घटना राज्य में बेलगाम अफसरशाही और माफियागिरी की बानगी देता है.
Reporter for Industrial Area Adityapur