सरायकेला/ Pramod Singh एक तरफ झारखंड सरकार स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने का दावा करती है, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राज्य के लोगों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने की बात करते हैं, मगर सरायकेला सदर अस्पताल की घटना कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है. जहां मंगलवार को प्रसव पीड़ा से ग्रसित एक महिला को इलाज के लिए भर्ती कराया गया, मगर चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से नवजात की मौत हो गई.
बुधवार को परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन से कार्रवाई की मांग की है.
बताया जा रहा है कि दुगनी पंचायत समिति सदस्य सविता सोय की भाभी को मंगलवार को प्रसव पीड़ा के बाद सदर अस्पताल सरायकेला में भर्ती कराया गया, मगर पूरी रात महज एक नर्स के भरोसे गर्भवती तड़पती रही, मगर ऑन ड्यूटी डॉक्टर मीरा अरुण गर्भवती कि सुध लेने ने नहीं पहुंची. किसी तरह गर्भवती ने बच्चे को जन्म दिया, मगर सांस लेने में तकलीफ होने और समय पर इलाज शुरू नहीं होने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. जिससे परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और अस्पताल में जमकर बवाल काटा.
सूचना मिलते ही गम्हरिया प्रखंड के उप प्रमुख कय्याम हुसैन मौके पर पहुंचे और सिविल सर्जन से मुलाकात कर लापरवाह चिकित्सक पर कार्रवाई करने की मांग की. वहीं इस घटना के बाद प्रसूता के परिजनों में मायूसी छा गई है. वहीं एक बार फिर से चिकित्सकों की लापरवाही ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या वाकई डॉक्टर पर कार्रवाई होती है, या मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है.