चांडिल: सरायकेला जिले के चांडिल दलमा अभ्यारण की पालतू हथिनी चंपा का इलाज के दौरान मौत हो गई. चंपा लंबे समय से बीमार चल रही थी. वह अर्थराइटिस से पीड़ित होने के चलते गिर पड़ी थी. जिसके बाद वन विभाग और पशु चिकित्सकों की टीम ने चंपा का इलाज शुरू करवाया था.
बता दें कि चंपा को 12 साल पूर्व धनबाद से रेस्क्यू कर यहां लाया गया था. तब से वह दलमा के सैलानियों का आकर्षण के केंद्र बनी हुई थी. चंपा की मौत से दलमा वन्य प्राणी आश्रयनी में शोक की लहर दौड़ पड़ी है.
दलमा अभ्यारण के रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि पालतू हथिनी चंपा को रेस्क्यू कर धनबाद से दलमा अभ्यारण्य लाया गया था. तभी से चंपा की तबीयत ठीक नहीं रहती थी. दिनेश चंद्रा ने बताया कि विगत 4 महीने से अर्थराइटिस से पीड़ित होने के चलते चंपा के पैर में तकलीफ थी और वह हाल के दिनों में चलने- फिरने में भी असमर्थ थी.
चंपा की उम्र भी काफी हो चली थी. बीमारी बढ़ने पर वह गिर पड़ी थी. जिसके बाद वन विभाग ने वरीय अधिकारियों से निर्देश प्राप्त कर डॉक्टरों की टीम गठित कर चंपा का बेहतर इलाज करा रही थी. पशु चिकित्सकों की टीम ने चंपा का इलाज शुरू किया था. पशु चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चंपा पालतू हथिनी थी.
गिरने के बाद कोमा में चली गई थी.
लिहाजा जंगली हाथियों की अपेक्षा इसकी इम्यूनिटी कमजोर थी. डॉक्टरों की टीम द्वारा कैल्शियम, डीएनएस और एंटीबायोटिक डोज़ देकर स्थिति को सामान्य किया गया था. डॉ. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कोमा में जाने के बाद इलाज शुरू होने पर चंपा के शरीर में हलचल देखी जा रही थी. जिससे उम्मीद थी कि वह ठीक हो जाएगी. लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई.