सरायकेला (Pramod Singh) सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारम्भ बुधवार को जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन ने किया. यह अभियान एक सप्ताह तक चलेगा. 11 जनवरी से 17 जनवरी तक यह अभियान चलाया जाएगा.
ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए (डीटीओ)
जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन ने कहा कि सड़कों पर सही दिशा में चलना चाहिए. वाहन चलाते समय हमेशा सावधानी रखनी चाहिए. हेलमेट का प्रयोग जरूर करे. यदि कार चला रहे हैं तो सीट बेल्ट जरूर बांधे रखिये. आपके पीछे आपका परिवार का भी सुरक्षित रहेगा.
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डीटीओ दिनेश रंजन ने कहा कि सड़क पर वाहन चलाते समय शराब न पियें और ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करें. उन्होंने बताया जिले में प्रचार वाहन के माध्यम से लोगो को जागरूक किया जायेगा. सप्ताहभर शहर के सार्वजनिक स्थानों पर भिन्न भिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर लोगो में जागरूकता फैलाई जायेगी. इस मौके पर आईटीडीए संदीप कुमार दोराईबुरू, कार्यपालक दंडाधिकारी प्रमोद कुमार झा, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रदीप कुमार भगत समेत कर्मचारीगण मौजूद रहे.
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दिनेश रंजन (डीटीओ- सरायकेला)
कोरी खानापूर्ति करने के लिए फिर शुरू हुआ सड़क सुरक्षा सप्ताह
जिले में रोड सेफ्टी के नाम पर केवल खानापूर्ति ही हो रही है. अधिकारी हर माह बैठक में बड़े- बड़े दावे करते हैं. जैसे ही बैठक से बाहर निकलते हैं, तो भूल जाते हैं. जिले में युवा लापरवाही के कारण जान गंवा रहे है. युवा देश के भावी कर्णधार है जो देश का भविष्य होता है. प्रतिवर्ष जिले में सैकड़ों युवा सड़क हादसों में बेमौत मारे जा रहे हैं, माँ की कोखें उजड़ रही है. माताओं व बहनों का सिंदूर मिट रहा हेैं. बच्चे अनाथ हो रहे है. युवाओं को जागरुक करना होगा क्योकि युवा ही विकराल हो रही सड़क हादसों की समस्या को रोक सकते है.
सुलगते सवाल
जिले से गुजरने वाली सभी मुख्य सड़कों पर पुलिस थानों के आगे से लहराते हुए ओवरटेक वाहनों को अमूमन देखा जा सकता है. कभी कभार वाहनों की जांच पड़ताल करने के नाम पर खानापूर्ति जरूर करते हैं लेकिन दुर्भाग्यवश कोई छोटा- मोटा हादसा हुआ तो अधिकारियों का कोप भाजन के लिए पुलिसकर्मियों को लाईन हाजिर इससे ज्यादा कोई समाधान नहीं हुआ है. जिले की सड़कों पर खुलेआम ओवरलोड गाड़ियां रोड के किनारे खड़ी गाड़ियां हादसे को दावत दे रही हैं, लेकिन न तो परिवहन विभाग ना ही ट्रैफिक पुलिस ध्यान देती है. जांच के नाम पर हमेशा सिर्फ खानापूर्ति होती है और छोटी गाड़ियों को ही अपना शिकार बनाते हैं. जिले में खुलेआम ओवरलोड गाड़ियां चल रही हैं. उस पर किसी का भी ध्यान नहीं है. ध्यान न देने की सबसे बड़ी वज़ह उन गाड़ियों से उन्हें महीने में मोटी कमाई होती है और हर पदाधिकारी के जेब भरे जाते हैं.
Reporter for Industrial Area Adityapur