सरायकेला : सरायकेला थाना अंतर्गत सरायकेला-कांड्रा मुख्य मार्ग पर शुक्रवार की देर शाम घाटी सड़क दुर्घटना में बालीपोसी निवासी मोहम्मद इरशाद अंसारी के मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने सरायकेला-कांड्रा मुख्य मार्ग को 2 घंटे के लिए जाम कर दिया. इस दौरान जाम स्थल गेस्ट हाउस से दोनों ओर वाहनों की करीब दो किलोमीटर लंबी कतार लग गई. मौके पर पहुंचे सरायकेला अंचलाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा और सरायकेला थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने सड़क जामकर्ताओं से लंबी बातचीत की. जिसके बाद मुआवजा को लेकर लिखित समझौते के बाद सड़क जाम हटाया जा सका. उधर घटना के बाद चालक ने ट्रेलर (जेएच05-डीके-7811) को घटनास्थल से लगभग 300 मीटर दूर वन विभाग कार्यालय के समीप छोड़कर फरार हो गया. पुलिस ने ट्रेलर को जब्त करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
जिले में एक बार फिर से फैशन बन रहा सड़क जाम करना
अपनी मांगों को जबरन मनवाने के लिए इन दिनों सड़क दुर्घटना सहित छोटी छोटी मांगों को लेकर या फिर विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क जाम करना जिले में फैशन सा बन गया है. जिसका परिणाम अक्सर सड़क जाम में फंसे आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे सड़क जामकर्ताओं में पीड़ित और प्रभावित से ज्यादा वैसे लोग नजर आते हैं, जो सड़क जाम करने में अपनी शान समझते हैं. जिनको दूसरों की परेशानी से कोई लेना देना नहीं होता है. ऐसे सड़क जामकर्ता फोटो खिंचा कर सोशल मीडिया पर भी लाइक और कमेंट पाने के लिए जूझे रहते हैं.
बताते चलें कि पूर्व में जिले में ऐसे ही परंपरा कायम हो जाने की स्थिति में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा कई एक मामलों में प्रभावित और पीड़ितों का दर्द समझने के बाद बेवजह सड़क जाम करने वालों में शामिल सड़क जामकर्ताओं के खिलाफ दूसरों को हो रही परेशानी और क्षति को लेकर मामले दर्ज होते थे. जिसके बाद काफी समय तक जिले भर में सड़क जाम करने की परंपरा बंद रही थी. जिला प्रशासन अब घंटो रोड जाम होने के बाद ही कोई कार्रवाई नहीं करती है. इससे यही प्रतीत होता है कि कार्रवाई नहीं करने का मुख्य कारण राजनीतिक दबाव है . पहले अगर आधा घंटा भी रोड जाम होता था तो रोड जाम करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है.
रोड जाम करने वालों ने पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों को भद्दी भद्दी गालियां तक दे रहे थे. उसके बाद भी पुलिस के पदाधिकारी मूकदर्शक बने रहे. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है यह सोचने वाली बात है. पिछले दिनों सीनी मोड़ के पास करीब 5 घंटे तक रोड जाम रहा. रोड जाम करने वालों पर तो कार्रवाई नहीं हुई लेकिन उसका खामियाजा सीनी ओपी प्रभारी आलोक रंजन को निलंबित होकर चुकाना पड़ा.