आदित्यपुर: टाटा- कांड्रा रोड पर आए दिन हो रहे सड़क हादसे से सबक लेने और उसे रोकथाम के बजाए जेआरडीसीएल और आरसीडी डिपार्टमेंट के मिलीभगत से नियम- कानूनों को ताक पर रखते हुए आदित्यपुर के एमपी टॉवर और आर टाइप के सामने महज पांच सौ मीटर के भीतर दो- दो गार्डवाल रातोंरात हटाकर उसके नामोनिशान मिटा दिए गए.
इसके पीछे की क्या कहानी है इस बावत हमने आरसीडी के अधिकारी गणेश हेम्ब्रम से जानना चाहा. इसपर उन्होंने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि इसमें आरसीडी की कोई भूमिका नहीं है. इसे जेआरडीसीएल देखता है. इधर जेआरडीसीएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रजनीश ने बताया कि जेआरडीसीएल का काम मेंटेनेंस का है. गार्डवाल हटाने का आदेश आरसीडी से मिला होगा तभी हटाया गया है. इसे श्री हेम्ब्रम ने सिरे से खारिज करते हुए जेआरडीसीएल को जिम्मेदार ठहराया है.
कुल मिलाकर कहें तो दोनों जगहों से गार्डवाल हटाने की विभाग से अनुमति नहीं ली गई है. यदि अनुमति ली गई है तो टेबल के नीचे से खेल हुआ है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किसके इशारे पर गार्डवाल हटाया गया ? कौन है जो सरकारी कायदे- कानून से ऊपर है ! यहां बताना जरूरी है कि टाटा- कांड्रा मुख्य सड़क पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रहे हैं. सड़क के दोनों तरफ बने सर्विस रोड का अतिक्रमण हो चुका है. मुख्य सड़क पर अवैध पार्किंग से अबतक सैकड़ों हादसे हो चुके हैं. सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में सड़क हादसों को रोकने की कई रणनीति बनाए जाते हैं, मगर वे कागजों तक सीमित होकर रह जाते हैं.