ब्यूरो प्रमुख प्रमोद सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला: सरायकेला समेत विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का नेत्र उत्सव संपन्न हुआ. पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के कपाट खुले. फिर पूजा अर्चना कर नेत्रोत्सव किया गया.
इसमे साथ ही ओड़िशा के पूरी के तर्ज पर सरायकेला में मनाये जाने वाले ऐतिहासिक रथयात्र महोत्सव का आगाज हो गया. स्वस्थ्य होने के बाद बुधवार को प्रभु के मंदिर का पट खुला और उन्होंने भक्तों को दर्शन दिया. शुक्रवार को प्रभु दाउ बलराम व बहन शुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी को प्रस्थान करेंगे. झारखंड के पूरे कोल्हान प्रमंडल में आयोजित होने वाले रथ यात्र में सरायकेला के रथयात्रा उत्सव को ऐतिहासिक व पुण्यदायी माना जाता है और प्रभु जगन्नाथ के भक्त ही नही बल्कि सभी समुदाय के लोग साल भर रथयात्र उत्सव का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस ऐतिहासिक रथयात्र को लेकर आयोजन समिति द्वारा सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ दाउ बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी के लिए निकलेंगे. पूरी के तर्ज पर ही रथ पर प्रभु जगन्नाथ के सवार होने से पूर्व श्री मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की जाएगी. इसके पश्चात सरायकेला राजघराने के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव छेरा पंहरा रस्म अदा करेंगे. परंपरा के अनुसार रथयात्र आरंभ होने से पूर्व राजा झाड़ू लगाते हैं. इसे देखने के लिए ग्रामीण व दूर दराज क्षेत्र के काफी संख्या में लोग पहुंचते है. पूरी के तर्ज पर आयोजित सरायकेला के रथयात्रा उत्सव में प्रभु जगन्नाथ रथ पर सवार हो कर दो दिनों में अपने मौसी के घर तक पहुंचेगे. शुक्रवार को प्रभु जगन्नाथ बड़दांड यानी आधे रास्ते गोपाबंधु चौक में रात्रि विश्राम करेंगे, इसके दूसरे दिन शनिवार को मौसी बाड़ी पहुंचेंगे जहां नौ दिनों तक रहने के पश्चात भगवान जगन्नाथ श्री मंदिर के लिए वापसी यात्रा करेंगे.
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