सरायकेला/ Pramod Singh जिनकी कृपा से मूक बोलने लगते हैं, पंगु चलने लगते हैं, पत्थर तैरता है और पत्थर नारी बन जाती है. आज संसार रुपी चक्र चलानेवाले परमब्रह्मा खुद भक्तों के सहारे चले. मंगलवार को कलानगरी सरायकेला में बड़े भाई बलराम व बहन सुभद्रा संग प्रभु श्री जगन्नाथ की पारंपारिक रथयात्रा मौसीबाड़ी के लिए निकली थी. बुधवार को दो दिन की यात्रा पूरी कर महाप्रभु गुंडिचा मंदिर पहुंचे.

दूसरे दिन बुधवार को प्रभु जगन्नाथ का रथ निकलते ही पूरी कलानगरी जय जगन्नाथ के जयघोष से गूंज उठा. ढोल- नगाड़ा, करताल व घंटे की ध्वनि से कलानगरी गूंजायमान हो उठा. इसके बाद भक्तों का समूह रथ को आगे की ओर खींचते ले गए. बीच- बीच में श्रद्धालु रथ को रोक कर पूजा- अर्चना भी करते रहे.
बता दें कि सरायकेला में पूरी के तर्ज पर रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
video
