राजनगर (Pitambar Soy) सरायकेला के लुपुंग की ओर से एक जंगली हाथी रविवार को राजनगर के रिहायशी इलाके में घुस आया. जंगली हाथी हाता- चाईबासा मुख्य मार्ग के किनारे प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित एक पुराने तालाब में घुस गया. जिस तालाब में जंगली हाथी घुसा था, वहां भीड़- भाड़ वाला इलाका है. बमुश्किल से 50 मीटर के दायरे में राजनगर थाना, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, वन विभाग व प्रखंड मुख्यालय जैसे तमाम सरकारी विभाग और दुकान होटल आदि है.
साथ ही तालाब के बगल में उड़िया बस्ती है. हाता- चाईबासा मुख्य मार्ग से तालाब बिल्कुल सटा है. रिहायशी इलाके में हाथी के आने की खबर जंगल की आग की तरह फैली औऱ देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. हाता- चाईबासा मुख्य मार्ग पर दोनों ओर सड़क जाम की स्थिति बनी रही.
Video
अंततः वन विभाग की टीम और पुलिस ने हाथी को निकलने के लिए भीड़ को हटाकर वहां कॉरिडोर बनाया, जिसके बाद हाथी शांती से तालाब से निकल कर मुख्य मार्ग पार किया और कॉरिडोर होते हुए महाराजनगंज और पाटाकोचा गांव की ओर चला गया. हाथी के पीछे पीछे वन विभाग की टीम भी गई, ताकि हाथी को सुरक्षित जंगल की ओर खदेड़ा जा सके. इस दौरान महराजगंज के किसान वैधनात हांसदा के करेले के खेत को भी रौंद दिया. जिससे किसान वैधनाथ को हाजरों रुपये की क्षति हुई है. साथ ही कई किसानों के धान के खेत भी बर्बाद किये.
लोगों का कहना था कि यह हाथी एकांत में ही घूमता है और पिछले दिनों खरसावां में एक व्यक्ति को पटक कर मारने वाला शायद वही हाथी है. इसे रात में सरायकेला से राजनगर की ओर खदेड़ा जा रहा था, जो खदेड़ते हुए सुबह हो गया और राजनगर मुख्यालय तक पहुंचते- पहुंचते सूर्योदय हो गया, तो हाथी तालाब में घुस गया. इसके बाद वन विभाग को समाजसेवी सावन सोय ने जानकारी दी.
हाथी प्रभावित इलाका है राजनगर क्षेत्र
राजनगर प्रखंड क्षेत्र के चुका पहाड़, चंवरा पहाड़ और रोड़ाकोचा पहाड़ के इर्द- गिर्द बसे गांव प्रत्येक साल जंगली हाथियों के प्रभाव से जूझते हैं. वैसे भी राजनगर प्रखंड मुख्यालय के आधा किलो मीटर दूर में ही चुका पहाड़ है. जहां धान खेती के सीजन में हाथी हर साल आते हैं. कालाझरना, रावणकोचा, महाराजगंज, पाटा कोचा, सरजोमडीह, नेटो, तिरिल दुबराजपुर हाथियों के आतंक से जूझते हैं.