सरायकेला: दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत सरायकेला- खरसावां जिले के चार महत्वपूर्ण रेलवे फाटक को बंद कर रेलवे द्वारा अंडर पास का निर्माण कराया जाएगा. चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल फाटकों पर होनेवाले हादसों को पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा. इसके लिए जिले के चार रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर दिया जाएगा. चक्रधरपुर रेल मंडल प्रबंधक ने सरायकेला जिले के डीसी को पत्र लिख कर रेलवे फाटक बंद करने व अंडरपास बनाने को लेकर एनओसी मांगा है. सरायकेला जिले के टाटानगर व गम्हरिया रेलवे स्टेशन के बीच मिरुडीह रेलवे फाटक संख्या 144, गम्हरिया व बीरबांस रेलवे स्टेशन के बीच बुरुडीह संख्या 147 एवं राजगावं समपार संख्या 148 व महालिमोरुप- सीनी रेलवे स्टेशन के बीच मुरुप का रेलवे फाटक समपार संख्या 159 को रेलवे द्वारा बंद किया जाना है. जिसको लेकर फाटक के समीप रेलवे द्वारा सब वे अंडर पास का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए रेलवे ने जिला प्रशासन से एनओसी मांगा है. जिला प्रशासन से एनओसी मिलने के बाद रेलवे द्वारा जिले के उक्त चारो रेलवे फाटक को बंद कर सबवे का निर्माण किया जाएगा. मिली जानकारी के अनुसार सबवे उसी स्थान पर बनेगा जिन रेलवे फाटकों पर बैंक हाईट तीन मीटर से ऊंची है. जिससे कि पुल निर्माण में बाधा उत्पन्न ना हो सके. अंडरपास के बनने से ग्रामीणों को रेलवे क्रासिंग पार करने की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
यह होगा फायदा
पैसेंजर ट्रेन निकलने के दौरान उसकी गति 60- 70 व मालगाड़ी की 50- 55 किमी प्रतिघंटा रखना होता है. इस निर्णय के पूरे होने के बाद गति को कम नहीं करना होगा. इतना ही नहीं, मालगाड़ी का ऐक्सेल लोड 22 टन का है जो इस निर्णय से बढ़कर 35 टन तक किया जा सकेगा, क्योंकि बार- बार गति कम नहीं होने से इसे तेजी से चलाया जा सकेगा. बारिश के दिनों में अंडरपास के समीप जिस पानी का संग्रहण हो रहा है, वह किसी अन्य काम में लिया जा सकेगा. भूगर्भ जल स्तर भी बढ़ेगा. अंडरपास बनने के साथ ही मानव रहित फाटक पर होने वाली दुर्घटनाओं पर लग जाएगा अंकुश. पटरी पर यदि कोई फाटक नहीं होगा तो ट्रेन की गति बढ़ जाएगी.