चांडिल: सरायकेला जिले में खनन पदाधिकारी की क्या हैसियत है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार की रात चौका थाना क्षेत्र में एनएच 33 से बालू लेकर जा रहे पांच हाइवा को एसडीओ शुभ्रा रानी ने पकड़कर चौका थाने को सौंप दिया था. जिसे मंगलवार को परिवहन विभाग ने जुर्माना वसूलकर छोड़ दिया.
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मजे की बात ये है कि पूरे प्रकरण की जानकारी खनन विभाग को नहीं दी गई. जिला खनन अधिकारी ज्योति शंकर सतपथी ने इस पूरे प्रकरण से खुद को अनभिज्ञ बताया. ऐसे में उनकी हैसियत क्या है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
वहीं इस संबंध में चौका थाना प्रभारी बजरंग महतो ने बताया कि पांचों हाइवा में बालू का चालान था, लेकिन हाइवा में कितना बालू लोड है और चालान कितने का है, बालू कहां से लोड कर लाया जा रहा था, चालान वैध है या नहीं, इसकी जांच की जानी है. इस बीच बालू लदे पांच हाइवा पकड़े जाने की सूचना पर इसकी जांच करने मंगलवार को जिला परिवहन विभाग के कर्मी चौका थाना पहुंचे और पांचों हाइवा से जुर्माना वसूल कर छोड़ने का आदेश दे दिया. उसके बाद पांचों बालू लदे हाइवा को बाइज्जत बरी कर दिया गया.
इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के आलाधिकारी भले ईमानदारी का ढिंढोरा पीट लें मगर सिक्का उसी का चलेगा जिसके साथ सत्ता हो. पांचों हाइवा किसके थे यह अभी भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि फिर ईमानदारी का ढोल क्यों और डंडा मजलूमों पर ही क्यों ?
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