सरायकेला (Pramod Singh) सरायकेला के खरकई नदी के तट पर झुमकेश्वरी मंदिर के पास लगभग दो करोड़ की लागत से बनाए गए नव निर्मित बस स्टैंड के उदघाटन के तीन माह बाद भी बंद पडा है.स्टैंड में न तो यात्री बसों का ठहराव हो रहा है और न ही टैक्सी स्टैंड तक जा रहे हैं जिससे स्टैंड के उपयोगिता के साथ निमार्ण स्थल के चयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सरायकेला में आयोजित कार्यक्रम में विगत 12 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो करोड़ की लागत से बने बस स्टैंड का उदघाटन किया था. उदघाटन के पश्चात लोगों को उम्मीद थी कि अब स्टैंड में बसें खड़ी होगी और यात्रियों को नियत जगह में जा कर ही बस पकड़ना होगा परंतु उदघाटन के तीन माह बाद भी बस स्टैंड शुरू नहीं हो पाया है. बस स्टैंड रहने के बावजूद सरायकेला में बसें व यात्री टैक्सी भी जहां तहां सड़क किनारे खडी हो रही है.
सरायकेला से खरसावां, चाईबासा, जमशेदपुर, राजनगर व पड़ोसी राज्य ओडिशा की वाहने भी अस्थाई बस स्टैंड गैरेज चौक में खड़ी रह रही है और बस स्टैंड वीरान पडा हुआ है. उदघाटन के तीन माह बाद भी बस स्टैंड में बसें नही जाने से योजना महज ठेकेदारी ही प्रतित हो रही है.
लोगों का कहना है कि बस स्टैंड में सिर्फ कमीशन का खेल हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए. लोगों ने कहा अगर जल्द से जल्द से बस स्टैंड़ चालू नही हुआ तो नगरवाशी आंदोलन करेंगे.
बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए नही है बायपास सड़क, बसें स्टैंड तक जाने से कतरा रही
सरायकेला के खरकई नदी तट पर नगर विकास विभाग द्वारा नया बस स्टैंड का निमार्ण किया गया है. बस स्टैंड में टिकट काउंटर से लेकर चाहरदिवारी, यात्रियों के बैठने की व्यवस्था, शौचालय सहित सभी प्रकार की सुविधा किया गया है बावजूद बसें नहीं जा रही है. बस संचालकों का कहना है कि जिस जगह में स्टैंड का निमार्ण किया गया है वहां तक जाने के लिए बायपास सड़क नही है. मुख्य बजार से हो कर बस स्टैंड तक जान खतरा से खाली नही है. एक तो अतिक्रमण से सड़क संकीर्ण हो गयी है उपर से बाजर में भीड भाड़ से आये दिन जाम रहती है. बस जाती है तो कभी भी दुर्घटना घट सकती है व समय के साथ ईंधन की बर्बादी होगी, जिसके कारण स्टैंड तक बस नही लेते हैं.
स्टैंड तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त छह़ किमी दूरी तय कर जाना होगा
संचालकों का कहना है कि स्टैंड का निमार्ण जिस जगह पर हुआ है वहां तक पहुंचने के लिए वाहनों को अतिरिक्त छह किमी दूरी तय कर जाना होगा, जिससे समय की काफी बर्बादी होगी व ईधन की भी क्षति होगी. संचालकों ने कहा बस स्टैंड को मुख्य सडक किनारे कहीं जगह चिन्हित कर बनाया जाता तो उसकी उपयोगिता सार्थक होती.
दिवारों में आने लगी दरारें
बस स्टैंड अभी चालू नही हुआ उससे पहले ही दीवारों में बड़ी- बड़ी दरारे आने लगी है. जिससे प्रतीत होता है कि इसमें सिर्फ कमीशन का खेल हुआ है और ठेकेदार ने सही से काम नही किया है.
नगर उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि बायपास सड़क के अभाव व संकरे रास्ते के कारण बसे स्टैंड तक नही पहुंच सकती है, इसलिए स्टैंड की सार्थकता पर सवाल खड़ा हो रहा है. इससे उपयोगी बनाने के लिए बस स्टेंड को झुमकेश्वरी गेस्ट हाउस में तब्दील किया जाय. उन्होंने कहा बस स्टैंड किसी खुले स्थान पर बनाया जाएगा.
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मनोज चौधरी (उपाध्यक्ष- नपं सरायकेल)
इस संबंध में सरायकेला नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बस स्टैंड में बसों के ठहराव को लेकर जल्द ही एसडीओ सरायकेला, परिवहन विभाग व नगर पंचायत सहित बस एसोसिएशन की संयुक्त बैठक कर ठहराव सुनिश्चित किया जाएगा, स्टैंड तक नही जाने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.