राजनगर/ Ravikant Gope सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत बाना टांगरानी गांव में एक पांच वर्षीय मासूम बालक को शुक्रवार की रात लगभग 10 बजे एक विशैले कीड़े ने काट लिया जिसके तुरंत बाद ही बालक दर्द से छटपटाने लगा. बच्चे के माता- पिता बेचैन होकर क्या करें क्या ना करें कुछ समझ नही पा रहे थे. इतने में नजदीकी फ़ास्ट फ़ूड दुकानदार माघुराम महतो को जानकारी मिली. उसने बिना विलंब किए अपनी मोटरसाइकिल से पीड़ित बालक और उसकी मां को बिठाकर सरायकेला सदर ले जाने लगा.
इसी बीच माघुराम ने प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसवां से जुड़े पत्रकार रविकांत गोप को पूरे मामले की जानकारी दी. रविकांत ने देर ना करते हुए क्लब के प्रवक्ता सह वरिष्ठ पत्रकार सरायकेला निवासी संजय मिश्रा से संपर्क स्थापित कर सदर अस्पताल के चिकित्सकों को जानकारी दी. उसके बाद सदर अस्पताल के चिकित्सक अलर्ट हो गए और पूरे उपलब्ध संसाधनों के साथ बच्चे के अस्पताल पहुंचने का इंतजार करने लगे. देर रात लागभग 11:00 बजे बच्चे को लेकर माघुराम सदर अस्पताल पहुंचा. पीड़ित बालक के अस्पताल पहुंचते ही ईलाज शुरू कर दिया गया, जिससे सही समय पर उस बच्चे का ईलाज हो गया. और उसकी जान बच गई. अभी बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है और डॉक्टरों की निगरानी में है. चिकित्सकों ने बताया कि थोड़ी देर हुई होती तो शायद बच्चे की जान जा सकती थी. प्रेस क्लब से जुड़े पत्रकारों और माघुराम जैसे समाजसेवियों की तत्परता मासूम की जान बचाने में सफलता मिली. पत्रकार संजय मिश्रा ने कहा आज भी ग्रामीण क्षेत्र मे अंधविश्वास पनप रहा है, और झाड़- फूंक, ओझा आदि के चक्कर में कईयों की जान जा रही है. शुक्रवार की घटना ने अंधविश्वास को मात देकर चिकित्सा पर विश्वास किया जिसके फलस्वरूप बच्चे की जान बच गई, इसलिए समाज को अंधविश्वास के अंधेरे से निकलने की आवश्यकता है, अन्यथा और कितनी जाने जाएगी कुछ कहा नही जा सकता. बच्चे के परिजनों ने पत्रकारों के प्रति आभार जताया.