सरायकेला: उत्कलीय परंपरा के तहत सरायकेला सहित आसपास के क्षेत्रों में शनिवार को प्रथमा अष्टमी त्यौहार मनाया गया. पोढ़ुआ अष्टमी पर्व के रूप में प्रचलित उक्त त्योहार के अवसर पर घर की माताओं द्वारा इष्ट की आराधना करते हुए अपने प्रथम संतान का सबसे पहले सम्मान करते हुए तिलक लगाया गया. इसके बाद नए वस्त्र देकर संतान का सम्मान किया गया. जिसके बाद प्रथम संतान को मिठाई खिलाते हुए विशेष रुप से पीठा एवं बैंगन भाजा का भोजन कराया गया. परंपरा अनुसार प्रथम संतान के सम्मान करने के पश्चात अन्य सभी संतानों का भी समान रूप से माताओं द्वारा सम्मान किया गया. त्यौहार के पीछे प्राचीन मान्यता रही है कि प्रथमा अष्टमी पर घर के प्रथम संतान का विधि विधान के साथ सम्मान किए जाने पर घर में सुख शांति एवं समृद्धि तथा आरोग्यता बनी रहती है
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