सरायकेला (Pramod Singh)
बालमित्र थाना हाजत में बुधवार को घाटशिला प्रखंड के मुड़ाकाटी के नाबालिग मोहन मुर्मू द्वारा आत्महत्या किये जाने के दो दिन बाद शनिवार को परिजन थाना पहुंचे. परिजनों के साथ घाटशिला की जिला परिषद देव्यानी मुर्मू, मुखिया संघ के अध्यक्ष, सचिव भाजपा नेता गणेश महाली, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो व अन्य मौजूद रहे.
थाने में एसपी आनंद प्रकाश की मौजूदगी में द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें एसडीपीओ हरविंदर सिंह, गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार, इंस्पेक्टर आलोक कुमार दुबे, राम अनूप महतो भी मौजूद रहे. करीब पांच घंटे तक चली वार्ता अंततः बेनतीजा रही. जहां बैठक के बाद एसपी ने परिजनों से एफआईआर दर्ज कराने की बात कहते हुए आगे की कार्रवाई करने की बात कही. हालांकि वार्ता के दौरान घटना के और भी पहलू सामने आए, जिस पर एसपी ने जांच के बाद कार्रवाई किए जाने की बात कही.
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आनंद प्रकाश (एसपी)
उधर जिला परिषद देव्यानी मुर्मू ने सीधे तौर पर थाना प्रभारी मनोहर कुमार पर मोहन मुर्मू की हत्या का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. उन्होंने कहा कि मृतक का शव तबतक नहीं लिया जाएगा जबतकत मृतक के हत्यारोपी थाना प्रभारी को गिरफ्तार करते हुए, आश्रित को 50 लाख का मुआवजा, और एक सदस्य को नौकरी नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो इसकी शिकायत अनुसूचित जनजाति आयोग, मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल और राष्ट्रपति से की जाएगी. उन्होंने मृतक को पूरी तरह से निर्दोष और बेगुनाह बताया.
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देव्यानी मुर्मू (जिला परिषद- घाटशिला)
क्या है घटना जानिए एक नजर में
मृतक (मोहन मुर्मू) और सरायकेला के गोहिरा की युवती के बीच प्रेम- प्रसंग चल रहा था. इसकी जानकारी दोनों के परिवारवालों को थी. मृतक 27 अक्टूबर को बगैर लड़की के परिजनों को जानकारी दिए उसे अपने साथ घाटशिला के मुड़ाकाटी अपने गांव ले गया था. इस बीच युवती के परिजनों ने सरायकेला थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करा दिया. इसी दौरान 31 अक्टूबर को युवती के परिजनों को युवती के मृतक के घर होने की जानकारी मिली, जिसके बाद युवती का भाई और जीजा (बहनोई) मुड़ाकाटी गए और युवती को जबरन लाने का प्रयास किया, जिसपर युवती ने बगैर युवक (मृतक) के जाने से इंकार कर दिया. इसपर युवती के भाई और जीजा ने युवक (मृतक) को भी साथ चलने की बात कही और सभी मुड़ाकाटी से सरायकेला लौटे. जहां सरायकेला पहुंचने पर युवती के भाई और जीजा दोनों को सरायकेला थाना ले गए. वहां दोनों को पेश करने के बाद युवक को परिजनों को सौंप देने और किसी तरह का कोई एफआईआर दर्ज न करने की बात कही. साथ ही युवक को युवती को भूल जाने की नसीहत देते हुए युवती को अपने साथ गोहिरा लेकर चले गए.
यहां से शुरू हुई युवक के मौत की कहानी
लड़की के परिजनों ने बगैर किसी एफआईआर के युवक को पुलिस को इस जिम्मवारी पर सौंपा ताकि पुलिस उसे उसके परिजनों तक सकुशल पहुंचा दे, मगर उन्हें क्या मालूम कि वे जीवन की सबसे बड़ी भूल करने जा रहे हैं. उनके जाते ही थानेदार मनोहर कुमार का आतंक युवक पर कहर बनकर टूट पड़ा. युवक के परिजनों से 80 हजार की मांग की गयी. जिसे नहीं चुका पाने के एवज में मोहन मुर्मू के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया जिससे उसकी मौत हो गयी. जिसे साजिश के तहत आत्महत्या का रूप दिया गया.
सुनें क्या कहा पूर्वी सिंहभूम मुखिया संघ के प्रतिनिधि ने
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निताई मुंडा
दर्ज हुआ थानेदार पर हत्या का मुकदमा
मृतक के पिता दुबाई मार्डी ने एफआईआर में दावा किया है कि उनका बेटा बेल्ट नहीं पहनता था. ऐसे में बेल्ट के सहारे मोहन बालमित्र थाने के बाथरूम में फांसी कैसे लगा सकता है. उन्होंने थाना प्रभारी मनोहर कुमार एवं ड्यूटी पर तैनात अन्य अधिकारियों एवं जवानों की भूमिका की जांच करते हुए न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल एसपी के निर्देश पर सरायकेला थाने में थाना प्रभारी मनोहर कुमार व अन्य के खिलाफ धारा 342/ 302/ 201/ 385/ 389/ 109/ 119/ 341 pc के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. इसके साथ ही थानेदार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. हालांकि थाना प्रभारी निलंबन के बाद से ही भूमिगत हो गए हैं. ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या परिजनों की मांग पूरी होती है या मृतक के शव को दो गज की जमीन भी नसीब नहीं होती है.
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सरायकेला थाने की दहलीज पर बैठे मृतक के बूढ़े माता- पिता, जिसे बुढ़ापे की लाठी को थाना प्रभारी की हैवानियत ने सदा के लिए छीन लिया