सरायकेला: पुलिस ने अपराध नियंत्रण एवं निवारण, घटित कांडों के यथाशीघ्र उद्वेदन, अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण के साथ- साथ हत्या अवैध अग्नेयास्त्र के उपयोग, मादक एवं नशीले पदार्थ, अवैध शराब की बिक्री तथा डकैती, लूट, छिनतई, रंगदारी जैसे संपत्ति मूलक कांडों के रोकथाम को लेकर नई कार्य योजना तैयार की है. एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने इसको लेकर बुधवार को जिले के तमाम पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा- निर्देश दिए.
इसके तहत वैसे अपराधकर्मियों का एक डेटाबेस तैयार किया है जिसमें अपराध शीर्ष में पूर्व आरोप पत्रित अपराधियों, उनके सहयोगियों तथा उनके द्वारा अपराध करने की शैली की थाना में पदस्थापित सभी पुलिसकर्मियों को पर्याप्त जानकारी हो. साथ ही इन अपराध कर्मियों को नियमानुकूल निगरानी के अधीन रखने हेतु डोसियर/ निगरानी प्रस्ताव/सीसीए प्रस्ताव/ बेल रिजेक्शन प्रस्ताव/ पीआईटी- एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रस्ताव समर्पित करने तथा गुंडा बही/ गिरोह पंजी आदि में प्रविष्ट कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
एसपी ने बताया कि सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत विभिन्न अपराध शीर्ष में आरोप पत्रित अपराधियों को नियमानुकूल निगरानी के अधीन रखने एवं ऐसे अपराधियों के दोहरे अपराधिक भौतिक सत्यापन (केस पीएस और एड्रेस पीएस) द्वारा करने एवं घटित कांडों के यथाशीघ्र उद्वेदन हेतु 40 सदस्यीय “अपराध निवारण एवं उद्वेदन विंग” (क्राईम प्रीवेंशन एंड डिडक्शन विंग) का गठन किया गया है. जिसमें अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चांडिल/ सरायकेला/ डीएसपी मुख्यालय सभी थाना- ओपी प्रभारी एवं सभी थानों के एक- एक नोडल पदाधिकारी को रखा गया है जो उनके निर्देश पर हर पखवाड़े एसडीपीओ एवं डीएसपी हेडक्वार्टर के साथ क्षेत्रवार बैठक कर (सीपी एवं डीडब्ल्यू) के कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा- निर्देश प्राप्त कर कार्रवाई करेंगे.
एसपी ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2024 तक जिले के आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, हत्या, रंगदारी/ फिरौती, डकैती, लूट, सेंधमारी (गृहभेदन), छिनताई, चोरी, वाहन चोरी एवं उत्पाद अधिनियम के अपराध शीर्ष में कुल 1919 आरोपपत्रित अपराधकर्मियों की सूची तैयार की गई है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपपत्रित अपराधकर्मियों की सूची जिला के सभी थाना, ओपी प्रभारी एवं संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है. तथा उन्हें थाना में दर्ज कांडों में आरोपपत्रित अपराधकर्मियों का केस पीएस विहित प्रपत्र अनुसार और यदि आरोप पत्रित अपराधी जिला के ही अन्य थाना क्षेत्र में वर्तमान या स्थाई रूप से निवास कर रहे है, तो वैसे अपराधकर्मियों का एड्रेस पीएस के विहित प्रपत्र अनुसार अपराधिक भौतिक सत्यापन करने हेतु निर्देशित किया गया है, ताकि पूरे जिले में उक्त अपराध शीर्ष के सक्रिय अपराधियों की गतिविधियों पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके, तथा घटित कांडों में उनकी मदद ली जा सके. इसी के साथ- साथ जेल से जमानत पर छूटे अपराधियों की दैनिक रूप से निगरानी रखते हुए सत्यापन करने हेतु निर्देशित किया गया है. उन्होंने बताया कि संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को उक्त आरोप पत्रित अपराधकर्मियों की सूची की समीक्षा कर आवश्यकता अनुसार डोसियर/ निगरानी प्रस्ताव/ सीसीए प्रस्ताव/ बेल कैंसिलेशन हेतु प्रस्ताव/ पीआईटी- एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रस्ताव समर्पित करने तथा गुंडा बही/ गिरोह पंजी में प्रविष्टि के संबंध में नियमानुकूल अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.दे
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