सरायकेला/ Pramod Singh सरायकेला जिले के पुलिस कप्तान बदलते ही जिले के चुनिंदा थानों के लिए हाशिए पर चल रहे कुछ अधिकारी अपनी जुगत भिड़ाने में जुट गए हैं. कई अधिकारी अपने- अपने पसंदीदा अधिकारियों से पैरवी करवाकर थानेदारी लेने की जुगत में लगे हुए हैं.
पुलिस सूत्रों की मानें तो आदित्यपुर थाने को लेकर एक पूर्व थानेदार खासे मशक्कत कर रहे हैं, यदि ऐसा होता है तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि एकबार फिर से आदित्यपुर में गैंगस्टर हावी होंगे. आपको याद दिला दें कि श्रीमान इससे पूर्व आदित्यपुर के थानेदार रह चुके हैं. उनके करीब छः माह के कार्यकाल में करीब आधा दर्जन गैंगवार हुए थे. करीब दर्जन भर हत्याएं हुई थी. यहां तक कि उनके अपराधियों के साथ वीडियो भी वायरल हुए थे. जिसके बाद तत्कालीन एसपी आनंद प्रकाश ने उन्हें लाइन हाजिर किया था. उसके बाद से ही श्रीमान हाशिए पर चल रहे थे. बताया जा रहा है कि श्रीमान को एसडीपीओ का वरदहस्त प्राप्त है. वे उनके विश्वासपात्र बताए जाते हैं. ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि नए पुलिस कप्तान का रुख क्या होता है.
चूंकि आदित्यपुर थाना इंस्पेक्टर थाना है, इस वजह से यहां इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी का ही पदस्थापन होना है. जिले में इंस्पेक्टर के तौर पर सुषमा कुमारी (गम्हरिया), पास्कल टोप्पो (कांड्रा- चांडिल), राजेश कुमार सिंह (ट्रैफिक), राम अनूप महतो (सरायकेला) और स्टैंड बाई के रूप में आलोक कुमार दुबे एवं राजेन्द्र प्रसाद महतो मौजूद हैं. दोनों ही आदित्यपुर में अपनी सेवा दे चुके हैं.
इसके साथ ही हाशिए पर चल रहे कई पूर्व थानेदार जैसे शंभु शरण दास, प्रकाश रजक, रितेश कुमार, अजित कुमार, आलोक कुमार चौधरी, राकेश मुंडा भी अपनी जुगत भिड़ाने में जुटे हैं. यहां ये भी बताना जरूरी है कि इन सभी अधिकारियों को तत्कालीन एसपी ने किसी न किसी मामले में दोषी पाया था और उन्हें लाइन क्लोज किया था.
वैसे ज्यादातर थानों में 2018 बैच के एएसआई रैंक के दारोगा अपनी बेहतर सेवा दे रहे हैं और लागभग सभी कांडों का कुशलतापूर्वक उद्भेदन भी कर रहे हैं. मगर जैसा कि आमतौर देखा जाता है, कि निजाम बदलते ही सिपहसालार बदलने का दस्तूर रहा है. यही वजह है कि नए एसपी के बदलने के बाद कई मातहतों के बीच सिपहसालार बनने की होड़ मची है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि निजाम का दिल किसपर आता है. इसपर हमारी भी निगाह बनी रहेगी.