सरायकेला Team indianewsviral बुधवार को सरायकेला बालमित्र थाना के अवैध हिरासत में घाटशिला के नाबालिग मोहन मुर्मू के संदिग्ध मौत की न्याययिक जांच शुरू हो गई है. शनिवार को उपायुक्त के निर्देश पर एसडीओ रामकृष्ण कुमार ने सरायकेला बालमित्र थाना कक्ष का मुआयना कर घटना की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने युवक के आत्महत्या के बिंदुओं पर जांच की. हालांकि बेल्ट से आत्महत्या को उन्होंने संदिग्ध माना, फिर भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचने की बात कही.
एसडीओ ने घटना से संबंधित दस्तावेज तलब किया है. उन्होंने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर जांच की जिम्मेदारी मिली है. फिलहाल घटना के सभी बिंदुओं को देखा गया है. केस से संबंधित कागजात और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है.
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बता दें कि बुधवार को सरायकेला थाना परिसर स्थित बालमित्र थाना कक्ष में तीन दिनों से बगैर किसी शिकायत के घाटशिला के मुड़ाकाटी गांव के नाबालिग मोहन मुर्मू को हिरासत में रखकर उसे छोड़ने के एवज में थाना प्रभारी मनोहर कुमार द्वारा परिजनों से 80 हजार रुपए की मांग की जा रही थी. नहीं चुका पाने के कारण युवक को बालमित्र कक्ष में अघोषित बंदी के रूप में रखा गया था. जहां बुधवार की सुबह करीब 11 बजे उसकी संदिग्ध मौत हो गई. थानेदार द्वारा युवक के बेल्ट से आत्महत्या किए जाने की जानकारी दी गई थी. जिससे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है. युवक के परिजनों ने बताया कि युवक कभी बेल्ट नहीं लगता था. वैसे मामला इसीलिए भी संदिग्ध प्रतीत होता है, कि जब किसी को हिरासत में रखा जाता है, तो उसके शरीर में वस्त्र के सिवाय दूसरा कोई भी परिधान नहीं होना चाहिए. ऐसे में युवक के शरीर में बेल्ट कहां से आया ? एक और सवाल जो लोगों के जेहन में कौन रहा है, वो ये कि बेल्ट से कोई फांसी कैसे लगा सकता है ?
हत्यारोपी थानेदार फरार, परिवार के सभी सदस्यों का मोबाईल ऑफ
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी आनंद प्रकाश ने प्रथम दृष्टया थाना प्रभारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था. उधर परिजनों के आवेदन के आधार पर थाना प्रभारी मनोहर कुमार सहित अन्य के खिलाफ धारा 342/ 302/ 201/ 385/ 389/ 109/ 119/ 341 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी थानेदार भूमिगत हो गए हैं. उनके परिवार के सभी सदस्यों का मोबाइल स्विच ऑफ बताया जा रहा है. एसपी आनंद प्रकाश ने थानेदार के गिरफ्तारी के संकेत दे दिए हैं. कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. फिलहाल वे फरार चल रहे हैं.
मनोहर कुमार हत्यारोपी थानेदार
चार दिनों बाद भी नाबालिग के मृत शरीर को नहीं मिला दो गज जमीन ,परिजनों ने नहीं लिया शव, अपनी मांगों पर अब भी कायम, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मिल सुनायी व्यथा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात कर आपबीती सुनाते परिजन
नाबालिग की संदिग्ध मौत के चार दिनों बाद भी परिजनों ने सब नहीं लिया है परिजन हत्यारोपी थानेदार की गिरफ्तारी 50 लाख मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं. हालांकि शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता विफल रही थी. इधर परिजनों ने शनिवार को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और इंसाफ की गुहार लगाई. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य पुलिस डीजीपी को दोषी थानेदार के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
साथ ही केंद्र के स्तर से जांच कराने का भरोसा दिलाया है. इन सबके बीच अहम सवाल यह है कि आखिर मासूम के मृत शरीर को मोक्ष कब मिलेगा !
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रामकृष्ण कुमार (एसडीओ- सरायकेला)