सरायकेला (Pramod Singh) बुधवार को बालमित्र कक्ष में पुलिस हिरासत में नाबालिग मोहन मुर्मू द्वारा किए गए आत्महत्या के बाद गुरुवार को जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया. परिजनों ने पोस्टमार्टम में शामिल होने से मना कर दिया साथ ही शव लेने से इंकार कर दिया.
उधर मृतक मोहन की माता सरफा मार्डी एवं पिता दुबई मार्डी ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है. इस संबंध में धालभूमगढ़ थाना अंतर्गत जूनबनी गांव के रोड़ाडीह टोला निवासी मृतक के माता- पिता ने लिखा है कि उनका पुत्र वर्तमान में सरायकेला जिले के बड़ाजुड़ी पंचायत के मुंडाकाटी गांव में अपने मामा के घर रह रहा था. जिसका एक लड़की के साथ प्रेम प्रसंग था. बीते 27 अक्टूबर को लड़की का बड़ा भाई और एक अन्य व्यक्ति साथ में मुंड़ाकाटी गांव से मोहन (मृतक) और लड़की को अपने साथ ले गए. उसके बाद लड़के को सरायकेला थाना के हिरासत में दे दिया. उसके बाद बड़ाजुड़ी पंचायत के मुखिया और ग्रामीण थाना जाकर बच्चे से मिले. थाना प्रभारी से बात कर बच्चे को छोड़ देने का अनुरोध किया. या न्यायिक प्रक्रिया करने को कहा. थाना प्रभारी ने मोहन को अपने हिरासत में 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रखा. और 2 नवंबर को फोन द्वारा सूचना दिया गया कि आपके बच्चे ने आत्महत्या कर ली है. आप अपने बच्चे के शव को हॉस्पिटल से ले जाइए.
मृतक मोहन के माता- पिता ने मुखिया संघ के अध्यक्ष बड़ाजुड़ी ग्राम पंचायत के मुखिया, उल्दा ग्राम पंचायत मुखिया, धरमबहाल ग्राम पंचायत मुखिया, कसीदा ग्राम पंचायत मुखिया, पूर्वी मऊ भंडार ग्राम पंचायत मुखिया, घाटशिला ग्राम पंचायत मुखिया सहित ग्रामीणों के साथ बच्चे की हत्या के पीछे के मामलों की जांच करते हुए थाना प्रभारी और लड़की के घर वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
जिला बाल कल्याण समिति ने भी लिया संज्ञान
इधर मामले पर जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रोहित कुमार महतो ने सरायकेला थाना प्रभारी को पत्र लिखकर जेजे एक्ट 2015 की धारा 30 (i) के तहत समिति को उक्त घटना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, बढ़ सकती है थानेदार की मुश्किलें
वहीं इंडिया न्यूज वायरल बिहार/ झारखंड की खबर पर मानवाधिकार जन निगरानी समिति के राष्ट्रीय संयोजक अधिवक्ता ओंकार विश्वकर्मा ने संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करा दी है. जिसका केस नंबर 18395/IN/2022 है. हालांकि इससे पूर्व जिले के एसपी आनंद प्रकाश ने मामले को आयोग के पोर्टल पर अपलोड करा दी है. साथ ही थाना, प्रभारी को निलंबित कर दिया है.
शुक्रवार को थाना प्रभारी के खिलाफ आदिवासी संगठनों का होगा जुटान थानेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर हो सकता है प्रदर्शन
नाबालिक आदिवासी युवक को बगैर किसी शिकायत के छः दिनों तक पुलिस कस्टडी में रखकर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में अबतक दोषी थानेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने को लेकर आदिवासी संगठन गोलबंद होने लगे हैं. गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया. जिसके बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि शुक्रवार को बड़ी संख्या में आदिवासी संगठनों के लोग सरायकेला में जुड़ेंगे और थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे हालांकि इस संबंध में एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि परिजनों के आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाएगा. प्रथम दृष्टया मामले में थाना प्रभारी दोषी पाए गए हैं. जिन्हें निलंबित कर दिया गया है.
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