सरायकेला: सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद झारखण्ड प्रदेश टेट पास सहायक अध्यापक मोर्चा ने हेमंत सरकार को बधाई देते हुए आभार प्रकट किया है. गुरुवार को मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुणाल दास ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि एक लंबे संघर्ष के पश्चात पारा शिक्षकों को सम्मान मिला है. राज्य सरकार के प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं कि हमारी वर्षों पुरानी लड़ाई और साथियों की शहादत को सम्मान बख्शा. हालांकि हमारी मूल मांग स्थायीकरण के साथ ही वेतनमान की थी. इस वजह से सूबे के टेट पास सहायक अध्यापकों में मायूसी और असंतोष अभी भी व्याप्त है. एनसीटीई और नयी शिक्षा नीति के तहत टेट पास सहायक अध्यापक वेतनमान पाने के साथ ही पूर्ण सरकारी शिक्षक बनने की पुख्ता दावेदारी और अहर्ता रखते हैं. बावजूद इसके कुछ फर्जी और नकारात्मक शक्तियां सरकार को गुमराह करने में कामयाब रहीं. निश्चित रूप से सर्वोच्च योग्यताधारी टेट पास सहायक अध्यापकों के साथ अन्याय हुआ है, लेकिन हम विचलित नहीं हैं. सभी वर्गों के सहायक अध्यापकों को उचित सम्मान दिलाने के अभियान में हम एकीकृत मोर्चा के रूप में बरकरार जरूर रहे. किंतु अब आगे सामूहिक संघर्ष का कोई औचित्य नहीं है. राज्य भर के टेट पास सहायक अध्यापक अब अपनी अलग राह अख्तियार करते हुए एकल लड़ाई लड़ेंगे. श्री दास ने आगे कहा कि टेट पास सहायक अध्यापक अब सरकार के समक्ष तत्काल वेतनमान के साथ सीधे समायोजन और 9300- 34800 स्केल के साथ 4200 और 4600 ग्रेड पे बरकरार रखने के लिए अपनी तगड़ी दावेदारी पेश करेंगे. फिलहाल वर्चुअल मीटिंग के जरिये आगे की स्ट्रेटजी पर आम सहमति बनाई जा रही है. कोविड बाध्यताओं के हटते ही राजधानी की सरजमीं पर तुरंत भौतिक बैठक कर आगे की रणनीति तय कर अभियान का बिगुल फूंका जाएगा.
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