सरायकेला: सरायकेला प्रखंड अंतर्गत कमलपुर पंचायत सचिवालय सभागार में शुक्रवार को शीतल वाटिका किसान फाउंडेशन के तत्वावधान में कोविड गाइडलाइन के साथ जैविक खेती जागरूकता सह किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी का शुभारंभ फाउंडेशन के निदेशक फिरोज खान ने दीप प्रज्वलन के साथ किया. उन्होने किसानों को जैविक खाद का उपयोग अपनी खेती में करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए रसायनिक एवं जैविक खाद में अंतर तथा रसायनिक उर्वरक के उपयोग से होने वाले नुकसान की जानकारी दी. किसानों को बताया गया, कि ज्यादातर किसान अधिक उपज एवं मुनाफा कमाने के चक्कर में रासायनिक उर्वरक का उपयोग कर रहे हैं, जो खेती के लिए काफी हानिकारक एवं नुकसानदेह है. उन्होंने कहा, कि यही कारण है, कि आज प्रत्येक परिवार में कोई न कोई किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित हैं. इसलिए किसानों को जैविक खाद द्वारा खेती करने के लिए जागरूकता किया जा रहा है. उन्होंने कहा किसान थोड़ी सी मेहनत से स्वयं जैविक खाद बना सकते हैं, जो कम लागत से ही बनता है. मौके पर संस्था के मीरा प्रधान, मुकुंद महतो, दीनबंधु सरदार, पंचायत के पूर्व मुखिया नंदकिशोर सरदार, पंसस अशोक कुमार महतो, ग्राम प्रधान हीरालाल दास, हेमंत कुमार महतो, अर्जुन सरदार, लक्ष्मी महतो, पिंकी मोदी, बबलू सरदार, रघुनाथ महतो, आशीष राय, बादल मुर्मू, कल्पना महतो व परमानंद महतो समेत अन्य उपस्थित थे.
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1 Comment
हमलोग जैविक खेती ही करते थे।5जी काल के लोगों को साठ दिन में अनाज उपजाने की चाहत और तीस दिन में ही डेढ़ किलो चिकेन पाने का लोभ से जहरीले रसायन-खाद, कीटनाशक…के रुप में उपयोग कराया गया।उत्पादन बढ़ाकर आमदनी बढ़ाना महंगा साबित हो रहा है।फिर से जैविक खेती शुरू हो रही है,बहुत अच्छी बात है।