सरायकेला: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को संपन्न हो गई. झारखंड की सबसे हॉट सीटों में से एक सरायकेला और खरसावां विधानसभा सीट के लिए भी नामांकन की प्रक्रिया संपन्न हो गई. अंतिम दिन दोनों सीटों पर नामांकन को लेकर सुबह से ही गहमा- गहमी रही. दोपहर होते- होते राजनीतिक दलों के समर्थकों का हुजूम उमड़ पाड़ा. आलम ये रहा कि सिनी मोड़ से लेकर जिला मुख्यालय तक और काशी साहू कॉलेज मोड़ से लेकर बिरसा चौक महाजाम की स्थिति बन गई.
इस महाजाम में आम से लेकर खास तक घंटो फंसे रहे. एंबुलेंस तक को जाने का रास्ता नहीं दिया गया. सिनी मोड़ से जिला मुख्यालय तक करीब डेढ़ किमी की दूरी का सफर तय करने में डेढ़ घंटे का समय लगा. मजे की बात तो यह रही कि इस दौरान कहीं भी पुलिस- प्रशासन की तैनाती नजर नहीं आई जो दर्शाता है कि प्रशासन ने नामांकन को लेकर होमवर्क नहीं किया था.
मेरे समर्थकों को आने से रोकने की रची गई साजिश: महाली
झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से नामांकन करने पहुंचे गणेश महाली ने महाजाम को लेकर अपने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके नामांकन के बाद कीता में एक सभा का आयोजन किया गया था. समर्थकों को वहां तक पहुंचने में परेशानी हो इस वजह से जानबूझकर भाजपाइयों ने जाम की स्थिति पैदा कर दी. उन्होंने बताया कि महाजाम की वजह से 35 से 40 छोटे- बड़े वाहन जाम में फंस गए. जो निर्धारित समय पर सभा स्थल नहीं पहुंच सके कई वाहन तो रास्ते से ही लौट गए. बता दें कि भाजपा की ओर से गेस्ट हाउस मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया था जो सरायकेला- खरसावां मुख्य मार्ग पर स्थित है. यहां सदर अस्पताल सहित तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों के आवास हैं. ट्रैफिक मैनेजमेंट नहीं होने के कारण मुख्य सड़क पर ही वाहन खड़े कर दिए गए. उधर जिला मुख्यालय में खरसावां विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों का काफिला पहुंचने के क्रम में गौरांगडीह के समीप जाम की स्थिति बन गई.
क्यों बनी ऐसी स्थिति
दरअसल सरायकेला अनुमंडल कार्यालय में सरायकेला विधानसभा के प्रत्याशियों का नामांकन होने के कारण पूरा सरायकेला बाजार जाम रहा. यहां राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच नोंक- झोक भी होती रही जिसे संभालने में पुलिस व्यस्त रही. एसपी के निर्देश पर किसी संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा और बढ़ा दी गई. यही वजह रही कि पुलिस के तमाम आलाधिकारी यहां कैंप करते रहे. सभी प्रत्याशी नामांकन कर समर्थकों के साथ वापस लौट गए उसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. वैसे अहम सवाल यह है कि जब तीन- तीन दिग्गज नेताओं के नामांकन की सूचना थी तो पुलिस- प्रशासन ने होमवर्क क्यों नहीं किया ? अब यह साजिश थी या प्रशासनिक विफलता यह हम अपने पाठकों पर छोड़ते हैं. वैसे झामुमो नेता गणेश महाली ने जब सवाल उठाए हैं तो कहीं ना कहीं मामला गंभीर जरूर है. कुल मिलाकर शुक्रवार को बागी रणबांकुरों का नामांकन या यूं कहें शक्ति प्रदर्शन बगैर किसी अप्रिय घटना के संपन्न हो गया. अब सभी प्रत्याशी जमीन पर जोर आजमाइश करेंगे. जनता किसके सर सेहरा बांधेगी यह तो 23 नवंबर को ही पता चलेगा, मगर इतना तय है कि सरायकेला और खरसावां विधानसभा सीट पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी. कई दिग्गजों के राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लगेगा तो कई दिग्गजों का राजनीतिक अवतार भी होगा.