सरायकेला/ Pramod Singh शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में प्रखंड विकास स्ट्रेटजी आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एडिशनल मिशन डायरेक्टर आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम नीति आयोग, आनंद शेखर शामिल हुए.
कार्यक्रम में उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, डॉ ऋचा पांडेय, न्यूट्रीसियन विशेषज्ञ, यूनिसेफ़ एवं अन्य वरीय पदाधिकारी एवं पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि जैसे मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं अन्य उपस्थित रहे.
कार्यक्रम का संचालन प्रखंड विकास पदाधिकारी सरायकेला मृत्युंजय कुमार एवं कार्यपालक दंडाधिकारी डॉ. सुधा वर्मा द्वारा किया गया. इस दौरान बताया गया कि आकांक्षी जिले में राज्य के कुल 34 प्रखंड को चिन्हित किया गया है, जिसमें सरायकेला के तीन प्रखंड सरायकेला, गम्हरिया एवं कुकड़ू भी शामिल है. इस दौरान आकांक्षी प्रखंडों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कृषि, सामाजिक सुरक्षा एवं महिला बाल विकास इत्यादि के क्षेत्र में उपलब्ध समस्या, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता समेत योजनाओं के प्रति लोगो में जागरूकता पर चर्चा कर प्रखंड के सर्वांगीण विकास हेतु क्षेत्र में उपलब्ध समस्याएं उनके समाधान पर बिंदुवार चर्चा किया गया. साथ ही पंचायत स्तरीय प्रतिनिधि एवं विभिन्न विभाग के वरीय पदाधिकारी को प्रखंड के विकास को गति प्रदान करने हेतु जन सहभागिता के उद्देश्य से कार्य करने का बात कही गई.
वहीं काशी साहू कॉलेज सभागार में स्वास्थ्य, शिक्षा आजीविका तथा महिला एवं बाल विकास से संबंधित फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य सहिया, शिक्षकगण एवं जलसहिया दीदियों उन्मुखीकरण तथा फीडबैक सत्र का आयोजन किया गया. जहां क्षेत्र की समस्याओं, उसके समाधान पर विस्तृत जानकारी साझा की गई. कार्यक्रम में उपस्थित आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य सहिया शिक्षक से क्षेत्र में उपलब्ध समस्याओं, उनके समाधान पर सुझाव लिए गए. साथ ही इसके इंप्लीमेंटेशन के लिए कार्य योजना बनाने हेतु चर्चा की गई.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जन सहभागिता से आज का आकांक्षी प्रखंड कल प्रेरणादायक प्रखंड के रूप में बदला जा सकता है. उपायुक्त ने कहा चिंतन शिविर का शुभारंभ हमारे जिला सरायकेला- खरसावां से किया जा रहा है. सभी पदाधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि एवं विभिन्न संगठनों को एक टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा ताकि आकांक्षी प्रखंड में विकास की गति को बढ़ाया जा सके. और अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा सके.